मध्य प्रदेश एक खूबसूरत राज्य है जो अपनी प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। नए साल के अवसर पर यह राज्य और भी खूबसूरत हो जाता है। यहां कई तरह के पर्यटन स्थल हैं जहां आप नए साल का स्वागत कर सकते हैं।नए साल की पार्टी एक ऐसा अवसर है जब हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर पुराने साल को अलविदा और नए साल का स्वागत करते हैं। यह एक ऐसा समय है जब हम खुश होते हैं और एक-दूसरे के साथ अच्छे समय का आनंद लेते हैं।अगर आप एमपी से है तो आपको एमपी की इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए
सांची
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची एक प्राचीन बौद्ध तीर्थस्थल है। यह अपने भव्य स्तूपों, तोरणों और अन्य बौद्ध स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। सांची का स्तूप भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध स्तूपों में से एक है। इसे सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया था।
सांची का स्तूप एक विशाल गोल गुंबद है जिसकी ऊँचाई लगभग 50 मीटर है। यह स्तूप लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसके चारों ओर सुंदर मूर्तियाँ और शिल्पकारी की गई है। स्तूप के चारों ओर चार तोरण स्थित हैं जो स्तूप की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। इन तोरणों पर बुद्ध के जीवन से जुड़े दृश्यों को उकेरा गया है।
सांची कैसे पहुँचे
सांची मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
- हवाई मार्ग: सांची का निकटतम हवाई अड्डा भोपाल है जो लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। भोपाल से सांची के लिए बस, टैक्सी या कैब से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- रेल मार्ग: सांची का निकटतम रेलवे स्टेशन रायसेन है जो लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। रायसेन से सांची के लिए बस, टैक्सी या कैब से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग: सांची राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए देश के सभी प्रमुख शहरों से बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
भोपाल – झीलों का शहर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को “झीलों का शहर” कहा जाता है। यहाँ कई खूबसूरत झीलें हैं, जिनमें से कुछ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हैं। भोपाल में घूमने के लिए कई अन्य आकर्षण भी हैं, जिनमें संग्रहालय, ऐतिहासिक स्थल, और वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
भोपाल – झीलों का शहर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को “झीलों का शहर” कहा जाता है। यहाँ कई खूबसूरत झीलें हैं, जिनमें से कुछ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हैं। भोपाल में घूमने के लिए कई अन्य आकर्षण भी हैं, जिनमें संग्रहालय, ऐतिहासिक स्थल, और वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
भोपाल में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- ऊपरी झील और निचली झील: ये दो झीलें भोपाल के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। इन झीलों पर नाव की सवारी करना एक बहुत ही मनोरंजक अनुभव है।
- भीमबेटका गुफाएं: भीमबेटका गुफाएं मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक हैं। ये गुफाएं 30,000 साल पुरानी हैं और इनमें प्रागैतिहासिक काल की कलाकृतियों का एक विशाल संग्रह है।
- भोजपुर: भोजपुर एक प्राचीन शहर है जो अपने मंदिरों और स्मारक के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित भोज मंदिर 11वीं शताब्दी का एक अद्भुत मंदिर है।
- राज्य संग्रहालय: राज्य संग्रहालय में मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण कलाकृतियों और प्रदर्शनियों का संग्रह है।
- बिड़ला संग्रहालय: बिड़ला संग्रहालय में प्राचीन भारतीय कला और शिल्प का एक विशाल संग्रह है।
- गोहर महल: गोहर महल एक खूबसूरत महल है जो भोपाल के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान: वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के वन्यजीवों का घर है, जिनमें बाघ, शेर, और हाथी शामिल हैं।
इंदौर – मध्य प्रदेश का स्वच्छतम शहर
इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर और राज्य की वित्तीय राजधानी है। यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित है और अपनी समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक स्मारकों और उनकी अविश्वसनीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इंदौर को भारत का स्वच्छतम शहर भी माना जाता है।
इंदौर में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- लाल बाग पैलेस: यह एक खूबसूरत महल है जो होल्कर राजवंश द्वारा बनाया गया था।
- केंद्रीय संग्रहालय: इस संग्रहालय में मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण कलाकृतियों और प्रदर्शनियों का संग्रह है।
- पातालपानी झरना: यह एक खूबसूरत झरना है जो इंदौर से लगभग 36 किलोमीटर दूर स्थित है।
- रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य: यह अभयारण्य कई तरह के वन्यजीवों का घर है, जिनमें बाघ, शेर, और हाथी शामिल हैं।
- तिनचा झरना: यह एक छोटा सा झरना है जो इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है।
- इंदौर व्हाइट चर्च: यह एक खूबसूरत चर्च है जो 1870 में बनाया गया था।
ग्वालियर – मध्य प्रदेश का गौरवशाली इतिहास
ग्वालियर मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी समृद्ध विरासत और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर गुर्जर-प्रतिहार, तोमर, और कछवाहा राजवंशों की राजधानी रहा है। ग्वालियर किला, जो भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है, इस शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।
ग्वालियर में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- ग्वालियर किला: यह एक विशाल किला है जो 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह किला अपनी मजबूत दीवारों, सुंदर महलों, और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
- मानसिंह महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- तानसेन मकबरा: यह मकबरा प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन की याद में बनाया गया था। यह मकबरा अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- टाइगर बांध: यह एक खूबसूरत बांध है जो ग्वालियर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह बांध अपनी सुंदरता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
- गोपाचल पर्वत: यह एक खूबसूरत पहाड़ है जो ग्वालियर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह पहाड़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
- सूर्य मंदिर: यह एक खूबसूरत मंदिर है जो ग्वालियर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
- सास बहू मंदिर: यह एक खूबसूरत मंदिर है जो ग्वालियर शहर में स्थित है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
- जय विलास पैलेस: यह एक खूबसूरत महल है जो ग्वालियर शहर में स्थित है। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- सिंधिया संग्रहालय: यह एक संग्रहालय है जो ग्वालियर शहर में स्थित है। इस संग्रहालय में मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण कलाकृतियों और प्रदर्शनियों का संग्रह है।
- माधव राष्ट्रीय उद्यान: यह एक राष्ट्रीय उद्यान है जो ग्वालियर शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
ग्वालियर में घूमने के लिए सुझाव:
- ग्वालियर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।
- ग्वालियर में घूमने के लिए आप टैक्सी, बस, या रेलवे का उपयोग कर सकते हैं।
- ग्वालियर में कई तरह के होटल और रिज़ॉर्ट उपलब्ध हैं। आप अपनी बजट और सुविधा के अनुसार किसी भी होटल या रिज़ॉर्ट में रह सकते हैं।
ओरछा – बुंदेला राजपूतों की पूर्व राजधानी
ओरछा मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी समृद्ध विरासत और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर बुंदेला राजपूतों की पूर्व राजधानी थी और यहाँ कई ऐतिहासिक किले, मंदिर और अन्य स्मारक हैं।
ओरछा में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- ओरछा किला: यह एक विशाल किला है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह किला अपनी मजबूत दीवारों, सुंदर महलों, और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
- राजा राम मंदिर: यह एक खूबसूरत मंदिर है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है और यहाँ हर शाम एक शानदार आरती होती है।
- राजा महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- चतुर्भुज मंदिर: यह एक खूबसूरत मंदिर है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
- ओरछा वन्यजीव अभयारण्य: यह एक खूबसूरत अभयारण्य है जो ओरछा शहर के पास स्थित है। यह अभयारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
- पालकी महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- दिनमान हरदौल का महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
जबलपुर – प्राकृतिक और ऐतिहासिक आकर्षणों का संगम
जबलपुर मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ कई झरने, पहाड़ियाँ, किले, मंदिर और अन्य ऐतिहासिक स्थल हैं।
जबलपुर में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- धुआंधार झरना: यह एक खूबसूरत झरना है जो नर्मदा नदी से गिरता है। यह झरना 98 फीट ऊँचा है और यहाँ से नर्मदा नदी का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।
- भेड़ाघाट: यह एक प्राचीन शहर है जो संगमरमर की चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई गुफाएँ और मंदिर हैं जो प्राचीन काल के हैं।
- संगमरमर की चट्टानें: भेड़ाघाट में स्थित, ये चट्टानें अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन चट्टानों का उपयोग कई फिल्मों और टीवी शो में किया गया है।
- बरगी बांध: यह एक विशाल बांध है जो नर्मदा नदी पर बनाया गया है। यह बांध अपनी जलविद्युत उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
- मदन महल किला: यह एक ऐतिहासिक किला है जो 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह किला अपनी मजबूत दीवारों और सुंदर महलों के लिए प्रसिद्ध है।
- डुमना नेचर रिजर्व: यह एक प्राकृतिक अभयारण्य है जो जंगली जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियों का घर है। यह अभयारण्य अपनी वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
- रानी दुर्गावती स्मारक और संग्रहालय: यह एक स्मारक है जो रानी दुर्गावती को समर्पित है। यह संग्रहालय रानी दुर्गावती के जीवन और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- पिसन हरि जैन मंदिर: यह एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
मांडू – मध्यकालीन इतिहास और वास्तुकला का खजाना
मांडू मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी समृद्ध विरासत और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर एक चट्टान पर स्थित है और यहाँ कई ऐतिहासिक किले, मंदिर और अन्य स्मारक हैं।
मांडू में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- जहाज महल: यह एक विशाल महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी मजबूत दीवारों, सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- हिंडोला महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी टेढ़ी दीवारों और अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- रूपमती का मंडप: यह एक खूबसूरत मंदिर है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- नीलकंठ का महल: यह एक खूबसूरत महल है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- रीवा कुंड: यह एक खूबसूरत कुंड है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह कुंड अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- बाघ की गुफाएँ: ये गुफाएँ 11वीं शताब्दी में बनाई गई थीं। ये गुफाएँ अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध हैं।
- होशंग शाह का मकबरा: यह एक खूबसूरत मकबरा है जो 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मकबरा अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- रूपायन संग्रहालय: यह एक संग्रहालय है जो मध्य प्रदेश की समृद्ध विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
चंदेरी – मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाना
चंदेरी मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर 11वीं शताब्दी में खंगार राजपूतों द्वारा बसाया गया था और बाद में मालवा सुल्तानों और बुंदेला राजपूतों द्वारा शासित किया गया था।
चंदेरी में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- कटी घाटी गेटवे: यह एक विशाल गेटवे है जो 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह गेटवे अपनी मजबूत दीवारों और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- कोशक महल: यह एक विशाल महल है जो 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह महल अपनी मजबूत दीवारों, सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- पुराना मदरसा: यह एक प्राचीन मदरसा है जो 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मदरसा अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- शहजादी का रौज़ा: यह एक खूबसूरत मकबरा है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मकबरा अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- ईदगाह: यह एक विशाल ईदगाह है जो 16वीं शताब्दी में बनाई गई थी। यह ईदगाह अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- बड़ा महल दरवाजा: यह एक विशाल गेटवे है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह गेटवे अपनी मजबूत दीवारों और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- जामा मस्जिद: यह एक विशाल मस्जिद है जो 16वीं शताब्दी में बनाई गई थी। यह मस्जिद अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
- चंद्रप्रभ मंदिर: यह एक प्राचीन मंदिर है जो 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और भव्य सजावट के लिए प्रसिद्ध है।
खजुराहो – मध्य प्रदेश का सांस्कृतिक खजाना
खजुराहो मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर 9वीं और 13वीं शताब्दी के बीच चंदेल राजवंश द्वारा बनाया गया था।
खजुराहो में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान:
- खजुराहो के मंदिर: खजुराहो अपने मंदिरों के लिए सबसे प्रसिद्ध है। ये मंदिर हिंदू और जैन धर्म के हैं और इनमें त्रुटिहीन मूर्तियां और जटिल नक्काशी हैं। खजुराहो के मंदिरों को भारत के सात आश्चर्यों में से एक माना जाता है।
- अजयगढ़ किला: अजयगढ़ किला एक विशाल किला है जो 11वीं शताब्दी में चंदेल राजवंश द्वारा बनाया गया था। यह किला अपनी मजबूत दीवारों और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान: पन्ना राष्ट्रीय उद्यान एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है जो टाइगर रिजर्व के रूप में भी जाना जाता है। यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी समृद्ध वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
- बेनी सागर बांध: बेनी सागर बांध एक विशाल बांध है जो पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है। यह बांध अपनी सुंदरता और जलविद्युत उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
- पुरातत्व संग्रहालय: पुरातत्व संग्रहालय में खजुराहो के मंदिरों से मिली मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों का एक संग्रह है। यह संग्रहालय खजुराहो की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।