Metaverse एक ऐसी दुनिया जहा हम दूर होकर भी एक दुसरेसे मिल सकेंगे साथ घूम सकेंगे बात चीज कर सकेंगे, ऑफिस की मीटिंग अटेंड कर सकेंगे, साथ में खेल सकेंगे, जब मन चाहा दुनिया घूम सकेंगे इस आर्टिकल मे जानेगे Metaverse kya hai? के बारे मे विस्तार से-
Metaverse kya hai?
Metaverse वर्चुअल वर्ल्ड एनवायरमेंट है जिसे लोग इंटरनेट के जरिए एक्सेस कर सकते है.एक ऐसा वर्चूअल दुनिया है जहां पर आपको एक अलग ही प्रकार का अनुभव होने वाला है। वैसे तो ये एक कम्प्यूटर द्वारा तैयार की गयी दुनिया है लेकिन ये हुबहू असली दुनिया से भी ज़्यादा सच्ची दिखायी पड़ती है अभी लोग एक-दूसरे से ऑनलाइन इंटरएक्टशन के लिए सोशल मीडिया का use करते है . Metaverse के आने से एक नया ऑनलाइन स्पेस बनाया जाएगा. इस स्पेस में लोग रियल दुनिया की तरह एक-दूसरे से इंटरएक्ट कर पाएंगे.
Metaverse का अर्थ क्या है?
यह दो शब्दों से मिलकर बना है, एक है मेटा और दूसरा है वर्स. यहां पर मेटा जो की ग्रीक भाषा से लिया है जिसका अर्थ है बियोंड (परे )मतलब कि जो चीज हम सोच नहीं सकते हैं.वर्स का मतलब होता है, यूनिवर्स जिसे हम देख नहीं सकते हैं.इसी तरह से मेटावर्से का अर्थ होता है, एक ऐसी दुनिया जो हमारी सोच और समझ से परे है.
Metaverse शब्द की उत्पत्ति कब और किसने की?
मेटावर्से शब्द की उत्पत्ति 1992 में हुई थी. इस शब्द का इस्तेमाल एक साइंस फिक्शन किताब ‘स्नो क्रैश’ में किया गया था.यह किताब ‘Neal Stephenson’ ने लिखी थी.इस नोवल में उन्होंने लिखा था कि कैसे बाहर की असली दुनिया पूरी खत्म हो चुकी है और लोग अब अपने घरों में, बिल्डिंगों में रहते हैं और एक वर्चुअल दुनिया में जीते हैं 2003 में मेटावर्स की एक गेम भी आई थी जिसका नाम था ‘सेकंड लाइफ’ (Second Life).यह गेम कंप्यूटर में खेला जाता था जिसमें लोग अपने एक दूसरे की दुनिया बनाते थे उसमें एक दूसरे से इंटरेक्शन करते गेम में चीजें खरीदना, प्रॉपर्टी खरीदना यह सारी चीजें भी इस गेम का हिस्सा था और यहां सब कुछ एक वर्चुअल दुनिया की तरह था.इसी किताब में पहली बार वर्चुअल ‘Avtaar’ शब्द का भी इस्तेमाल किया गया था.
मेटावर्स बनता कैसे है (How is the Metaverse Formed)
अलग अलग टेक्नोलॉजीज है जो मेटावर्स को बना रही है। जो की है-
1.वर्चुअल रियलिटी’ (Virtual Reality)
–वर्चुअल रियलिटी जिसमें एक हेडफोन पहनकर आप एक वर्चुअल दुनिया को देख सकते हैं ex- pocekemon game, Google glass. 2.‘ऑगमेंटेड रियलिटी'(Augmented reality)-
ऑगमेंटेड रियलिटी की बात करें तो इससे ऐसा किया जा सकता है जैसे आप किसी भी चीज को वर्चुअल दुनिया में देख रहे हैं तो वह ऐसी लगेगी जैसे आपकी खुद की असली दुनिया हो.
3. ब्लॉकचैन( Blockchain)-बिटकॉइन के लेन-देन मे जो टेक्नोलॉजी इस्तेमाल होती है वो है ब्लॉकचैन.
4.NFT-का पूरा नाम नॉन फंजिबल टोकन है। इसे एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन भी कहा जा सकता है.5.बिटकॉइन(Bitcoin)-बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसे कोई नहीं देख सकता यह वर्चुअल रूप में पाई जाती है।इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सिक्योर करके रखते हैं.
Facebook भी social media कंपनी से एक metaverse कंपनी बनने जा रही है
फेसबुक ने अपना नया नाम Meta रखा है
Facebook ने अपनी कंपनी का नाम बदल लिया है. फेसबुक ने अपनी कंपनी का नया नाम Meta रखा है. इसकी चर्चा पहले से चल रही थी. Facebook ने अपने आप को रिब्रांड नई टेक्नोलॉजी Metaverse के लिए किया है.
मेटावर्स कब तक संभव होगा (When will the Metaverse Come Out)
यह कब तक तैयार कर दिया जाएगा अभी तक कोई भी जानकारी मार्क जुकरबर्ग द्वारा नहीं दी गई है. फिर लगभग 10 साल या इससे भी जादा लग सकते है.
मेटा वर्स के लाभ(Metaverse advantage)
- जब मेटावर्से आएगा, उसके द्वारा हम एक रियल वर्ल्ड की तरह जी पाएंगे। हम दूर होकर भी एक दूसरे के आमने सामने बैठ कर बात कर पाएंगे, एक दूसरे को छू पाएंगे, हाथ मिला पाएंगे, इसी के साथ गले भी लग पाएंगे.
- इससे आप वर्चुअल वर्ल्ड में जा सकते हैं. यहां पर आप अपने फ्रेंड्स या रिलेटिव से बातचीत करके उनके साथ घूमने जा सकते हैं. आप इसमें शॉपिंग कर सकते हैं. आप Metaverse में खुद का घर-गाड़ी खरीद कर उसे बिल्कुल रियल दुनिया की तरह यूज कर सकते है
- यह सब वर्चुअल वर्ल्ड के द्वारा संभव है। यह लोगों से हमारा कनेक्शन और भी अच्छा बढ़ा देगा और भी अन्य कई फायदे भविष्य में हमें मेटावर्से के जरिए मिलने वाले हैं.
मेटावर्से के नुकसान(Metaverse Disadvantages)
हर चीज के अपने अपने फायदे व नुकसान होते है.जैसे कि इंटरनेट के बहुत सारे फायदे हैं, उसी के साथ साथ इंटरनेट के जरिए बहुत सारे नुकसान भी हो रहे हैं जैसे साइबर क्राइम में बढ़ोतरी .लोगों की पर्सनल इंफॉर्मेशन चोरी होना.
और भी कई अन्य नुकसान हैशुरुआतीइसी समय में ये बहुत ही महंगे होंगे और यह हर कोई उपलब्ध नहीं करवा पाएगा
निजाता पर खतरा- कंपनी हमारी निजी बातचीत और निजी डेटा पर भी नियंत्रण कर पाएगी, इसीलिए यह पूरी तरह से सेफ़ नहीं है.
इस आर्टिकल मे मैंने आप लोगों को Metaverse kya hai?के बारे में पूरी जानकारी दी. आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने दोस्तो में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा.
FAQ-
28 अक्टूबर 2021 को फेसबुक का नाम बदला गया था और उसका नाम मेटा रखा गया.फेसबुक का नाम कब बदला गया था?28 अक्टूबर 2021 को फेसबुक का नाम बदला गया था और उसका नाम मेटा रखा गया.
मेटावर्स का अर्थ क्या है?
यह दो शब्दों से मिलकर बना है, एक है मेटा और दूसरा है वर्स. यहां पर मेटा जो की ग्रीक भाषा से लिया है जिसका अर्थ है एक ऐसी दुनिया जो हमारी सोच और समझ से परे है.
फेसबुक का नाम कब बदला गया था?
28 अक्टूबर 2021 को फेसबुक का नाम बदला गया था और उसका नाम मेटा रखा गया.
मेटावर्से के उदाहरण ?
सेकंड लाइफ गेम है, जिसमें प्लेयर घर बना सकता है, शादी कर सकता है.
क्या मेटावर्से के जरिए हम गेट टूगेदर कर पाएंगे?
जी हां, इस तकनीक के जरिए आप दूर होकर भी एक दूसरे के साथ रह पाएंगे
मेटावर्से शब्द की उत्पत्ति कब और किसने की?
मेटावर्से शब्द की उत्पत्ति 1992 में हुई थी. इस शब्द का इस्तेमाल एक साइंस फिक्शन किताब ‘स्नो क्रैश’ में किया गया था.यह किताब ‘Neal Stephenson’ ने लिखी थी.