Shwet Patra [White Paper]:क्या होता है श्वेत पत्र कब हुई थी इसकी शुरुआत? जानिए सबकुछ

White Paper meaning in hindi, What is Shweta Patr, shweta patra Meaning in Hindi(Meaning, Parliament, Govermemnt, Image, Formate, Information Contain, What Is white Paper,)   श्वेत पत्र किसे कहते है, (अर्थ, मतलब, जानकारी, कौन जारी करता है)

भारतीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में प्रस्तुत अंतरिम बजट 2024 में, यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान लिए गए आर्थिक निर्णयों और उनके देश पर हुए प्रतिकूल प्रभावों को उजागर करने के लिए एक श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की गई। यह लेख श्वेत पत्र के उद्देश्य, इसके आरंभिक काल और इसके उपयोग के विविध आयामों को समझने का एक प्रयास है। यदि आप इस विषय से अपरिचित हैं, तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।\

वर्तमान संसदीय बजट सत्र के दौरान, भारत सरकार ने यूपीए शासनकाल के दौरान हुए आर्थिक मिसमैनेजमेंट पर विस्तृत श्वेत पत्र जारी करने की योजना बनाई है। इस दस्तावेज़ में, 2014 से पहले के समय में लिए गए आर्थिक निर्णयों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया जाएगा। यह श्वेत पत्र 10 फरवरी 2024 को, जो कि रविवार का दिन है, प्रकाशित हो सकता है और यह संसद के बजट सत्र के समापन का दिन भी होगा।

वित्त मंत्री के बजट भाषण में श्वेत पत्र लाने की घोषणा (Announcement of bringing white paper in Finance Minister’s budget speech)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट 2024 भाषण में, यूपीए सरकार के समय के आर्थिक निर्णयों और उनके प्रभावों पर एक श्वेत पत्र लाने की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने उल्लेख किया कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद, सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को सुधारने और शासन प्रणाली को पटरी पर लाने की चुनौती थी। उन्होंने बताया कि ‘राष्ट्र प्रथम’ के दृष्टिकोण के साथ, सरकार ने इन चुनौतियों का सामना किया और निवेश आकर्षित करने तथा सुधारों के लिए समर्थन जुटाने में सफल रही।

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 श्वेत पत्र क्या होता है ? What is a white paper?

श्वेत पत्र का आरंभ ब्रिटेन में 1922 में हुआ था।श्वेत या व्हाइट पेपर किसी देश या राजनेताओं की ओर से किसी चुनौतीपूर्ण मुद्दे पर जानकारी देने के लिए जारी की गई एक डिटेल्ड रिपोर्ट का काम करता है। किसी चुनौतीपूर्ण मुद्दे पर जब एक साथ कई दृष्टिकोण आते हैं तो लोगों के लिए उसे समझने में मुश्किल होती है। आमतौर पर, उसी परिस्थिति में श्वेत पत्र जारी किया जाता है।

इस दस्तावेज के जरिए मुद्दों को स्पष्ट किया जाता है, उस पर चर्चा की जाती है और हल ढूंढे जाते हैं। चर्चा के बाद कार्रवाई के सुझाव दिए जाते हैं और निष्कर्ष भी निकाले जा सकते हैं। श्वेत पत्र जैसी सूचनात्मक रिपोर्ट सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों पर प्रकाश डालती है। स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के मुताबिक, सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं और सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद रंग को चिन्हित किया गया है।

देश और दुनिया में कब-कब आया अहम श्वेतपत्र

  • ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने साल 1922 में एक दंगे पर अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने के लिए दुनिया का पहला श्वेतपत्र जारी किया था। यह दस्तावेज बाद में चर्चिल व्हाइट पेपर (Churchill White Paper) के नाम से मशहूर हुआ। बहुत साल बाद तक यही शब्द बोले जाते रहने के बाद अब सिर्फ व्हाइट पेपर या श्वेतपत्र कहा जाने लगा है।
  • भारत में सबसे पहले साइमन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर ‘संवैधानिक सुधारों पर श्वेतपत्र’ तैयार किया गया था। उसे ब्रिटिश संसद की संयुक्त चयन समिति के सामने विचार के लिए पेश किया गया था। श्वेतपत्र के जरिए साल 1929 के भारत सरकार अधिनियम में और अधिक सुधारों का प्रस्ताव रखा गया था। इसमें भारत में सरकार की संघीय प्रणाली की स्थापना के प्रावधान भी शामिल थे।
  • स्वतंत्रता के बाद भारत में पहला श्वेतपत्र साल 1948 में जारी किया गया था। इसमें रियासतों के भारत में विलय से जुड़ी जानकारी थी। साल 1950 में देश के पहले बजट के दौरान भी श्वेतपत्र पेश किया गया था।
  • नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी 2014 में रेलवे में राजस्व और किराए से जुड़े श्वेतपत्र पेश किए थे। केंद्र सरकार द्वारा आखिरी श्वेतपत्र साल 2020 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने जारी किया था।
  • मार्च, 2023 में हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने आर्थिक नीतियों पर श्वेतपत्र लाने की बात कही थी। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने इसका स्वागत किया था।

बाहर के देशों में श्वेत पत्र

  • ऑस्ट्रेलिया में पूर्ण रोजगार पर साल 1945 में और यूनाइटेड किंगडम में 1939 और 1966 का रक्षा श्वेत पत्र लाया गया था। इजरायल के इतिहास में 1939 का ब्रिटिश श्वेत पत्र ब्रिटिश नीति में जियोनिज्म के खिलाफ एक बहुत बड़े टर्न को दिखाता है। कनाडा जैसे कई देशों में श्वेतपत्र के जरिए सीधे जनता को सूचित किया जाता है।
  • वैश्विक महामारी के बाद चीन ने एक श्वेतपत्र जारी कर कहा था कि कोविड-19 के दौरान उसकी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई। चीन ने किसी भी दोष से बचने के मकसद से तुरंत दुनिया के साथ पूरी जानकारी साझा करने का दावा किया था।

श्वेत पत्र क्या होता है देखे विडियो Video –

श्वेत पत्र कौन जारी कर सकता है ? Who can issue a white paper?

श्वेत पत्र विभिन्न संस्थानों, कंपनियों, और संगठनों द्वारा जारी किया जा सकता है, न केवल सरकारी विभागों द्वारा। ये दस्तावेज़ उनके उत्पादों, सेवाओं, या तकनीकों के बारे में गहन विश्लेषण और जानकारी प्रदान करने के लिए प्रकाशित किए जाते हैं, ताकि ग्राहकों, कर्मचारियों, और आम जनता को उनकी बेहतर समझ प्रदान की जा सके। इसके अलावा, नई तकनीकों और नवाचारों के प्रचार-प्रसार के लिए भी श्वेत पत्रों का उपयोग होता है, जिससे उन्हें व्यापक पहचान और स्वीकार्यता मिल सके।

श्वेत पत्र में क्या जानकारी होती है ? What information is contained in the white paper?

  1. आर्थिक मुद्दों पर श्वेत पत्र:

ये दस्तावेज़ सरकार या किसी अन्य संस्था द्वारा उत्पन्न समस्याओं, उनके परिणामों, और संभावित सुधारात्मक कदमों का विस्तृत विवरण प्रदान करते हैं। इसमें विश्लेषण, डेटा, और सुझाव शामिल होते हैं जो नीति निर्माताओं और जनता को सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं।

  • उत्पादन/तकनीक संबंधी श्वेत पत्र:

ये श्वेत पत्र उत्पादों या तकनीकों की विशेषताओं, उपयोगिता, उपयोग के तरीके, आवश्यक परिस्थितियों, अन्य तकनीकों से भिन्नता, मूल्य निर्धारण आदि पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।

इस तरह के श्वेत पत्र नवाचारों की पहचान बनाने, उन्हें बाजार में प्रतिस्थापित करने, और उपभोक्ता व कारोबारी साझेदारों के बीच उनकी स्वीकृति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस प्रकार, श्वेत पत्र विभिन्न विषयों पर गहन जानकारी और विश्लेषण प्रदान करने का एक उपकरण है, जिसका उपयोग सरकारें, कंपनियां, और अन्य संस्थान अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करते हैं।

FAQ –

प्रश्न 1: श्वेत पत्र क्या है?

उत्तर: श्वेत पत्र एक सूचनात्मक दस्तावेज़ है जो किसी विषय पर विस्तृत जानकारी और विश्लेषण प्रदान करता है। इसका उद्देश्य समस्याओं, उनके समाधानों, उत्पादों या तकनीकों की विशेषताओं को स्पष्ट करना और सुधारात्मक कदमों का सुझाव देना होता है।

प्रश्न 2: श्वेत पत्र कौन जारी कर सकता है?

उत्तर: श्वेत पत्र सरकारी विभागों, कंपनियों, संस्थानों, और संगठनों सहित कोई भी संस्था जारी कर सकती है। इसका उपयोग उत्पादों, सेवाओं, या तकनीकों की विस्तृत जानकारी प्रदान करने और उन्हें व्यापक पहचान दिलाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 3: एक श्वेत पत्र में क्या सामग्री होती है?

उत्तर: एक श्वेत पत्र में विषयानुसार विभिन्न प्रकार की सामग्री हो सकती है। आर्थिक मामलों पर आधारित श्वेत पत्र में समस्याओं, उनके परिणामों, और सुधारात्मक सुझाव शामिल होते हैं। वहीं, उत्पादन या तकनीक से संबंधित श्वेत पत्र में उत्पादों या तकनीकों की विशेषताओं, उपयोगिता, और अन्य संबंधित जानकारी होती है।

प्रश्न 4: श्वेत पत्र का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?

उत्तर: श्वेत पत्र का मुख्य उद्देश्य विस्तृत जानकारी और विश्लेषण प्रदान करना होता है, ताकि पाठकों को किसी विषय, समस्या, उत्पाद, या तकनीक की गहन समझ प्रदान की जा सके और सुधारात्मक कदमों के लिए सुझाव दिए जा सकें।

प्रश्न 5: श्वेत पत्र की उत्पत्ति कब और कहाँ हुई थी?

उत्तर: श्वेत पत्र की उत्पत्ति 1922 में ब्रिटेन में हुई थी। यह एक सूचनात्मक दस्तावेज़ के रूप में विकसित हुआ, जिसका उपयोग विभिन्न विषयों पर गहन जानकारी और विश्लेषण प्रदान करने के लिए किया जाता है।

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