BAPS हिंदू मंदिर, अबू धाबी – BAPS Hindu Temple, Abu Dhabi जाने क्या है इसकी खासियत

Abu Dhabi Hindu Temple: संयुक्त अरब अमीरात का पहला पारंपरिक नक्काशीदार हिंदू मंदिर अबू धाबी के अबू मुरीखा क्षेत्र में स्थित है. इस मंदिर को सहिष्णुता और सद्भाव के तौर पर देखा जा रहा है.14 फरवरी को मुस्लिम देश अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi भी प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा. मुस्लिम देश अबू धाबी में आस्था और संस्कृति सभ्यता का प्रतीक के रुप में BAPS Mandir Abu Dhabi (बीएपीएस मंदिर )का निर्माण अब हो चुका है।

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बीएपीएस मंदिर

संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बने इस हिंदू मंदिर का नाम बीएपीएस हिंदू मंदिर है, जिसे बीएपीएस संस्था के नेतृत्व में बनाया गया है. बीएपीएस एक ऐसी संस्था है, जिसने दुनियाभर में 1,100 से ज्यादा हिंदू मंदिरों का निर्माण किया है. दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है. यह मंदिर 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है, जिसे संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दान में दी थी. 

2015 में, शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर ने मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ भूमि दान में दी थी। यूएई सरकार ने अपने ‘सहिष्णुता के वर्ष’ के दौरान जनवरी 2019 में और 13.5 एकड़ भूमि आवंटित की।

BAPS का फुलफोर्म (Fullform)

BAPS का पूर्ण रूप हिंदी में “बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था” है। यह स्वामिनारायण संप्रदाय के भीतर एक प्रमुख धार्मिक संगठन है। BAPS अपने आध्यात्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक कार्यों के लिए विश्वव्यापी प्रसिद्ध है।

अबुधाबी हिंदू मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
BAPS हिंदू मंदिर का इतिहास प्रमुख स्वामी जी महाराज  की 1997 में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान शुरू हुआ जब उन्होंने अबू धाबी में एक मंदिर की कल्पना की जो \”देशों, संस्कृतियों और धर्मों को एक साथ लाएगा। BAPS हिंदू मंदिर अबू धाबी 27 एकड़ की साइट अबू मुरीखाह में स्थित है, जो दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास है। यह मंदिर मध्य पूर्व में पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर होगा।

  • अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है और इसमें 10,000 लोग आ सकते हैं।
  • मंदिर का निर्माण 5.4 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर किया जा रहा है और इसका निर्माण 700 करोड़ रुपये में हुआ है।
  • मंदिर की ऊंचाई 32.92 मीटर (108 फीट), लंबाई 79.86 मीटर (262 फीट) और चौड़ाई 54.86 मीटर (180 फीट) है।
  • अन्य वास्तुशिल्प विशेषताओं में शामिल हैं: दो घुमट (गुंबद), सात शिखर (शिखर) – संयुक्त अरब अमीरात में सात अमीरात का प्रतीक, 12 समरन और 402 स्तंभ। इसमें बलुआ पत्थर की इमारत की पृष्ठभूमि में संगमरमर की नक्काशी है।
  • यह मंदिर भारत में कुशल कारीगरों द्वारा तराशे गए पत्थर के 25,000 से अधिक टुकड़ों से बना है।
  • प्रत्येक शिकारे के भीतर, रामायण, शिव पुराण, भागवतम, महाभारत की कहानियों की नक्काशी है, और नक्काशी है जो जगन्नाथ, स्वामीनारायण, वेंकटेश्वर और अयप्पा के जीवन को चित्रित करती है।
  • मंदिर के डिजाइन में फूड कोर्ट के लिए बेंच, टेबल और कुर्सियां ​​बनाने के लिए पुनर्नवीनीकरण लकड़ी के फूस जैसी पर्यावरण-अनुकूल विशेषताएं भी शामिल की गईं। यहां एक झरना है जो तीन पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती के स्रोत का प्रतीक है।

मंदिर की क्या खासियत है? What is special about the Abu Dhabi Hindu Temple?

Hindu Temple being built in Abu Dhabi: यह स्वामी नारायण मंदिर, “मूल रूप से, एक समदलिय मंदिर है. जिसे खजुराहो के प्राचीन मंदिर जैसे बनया गया है और बीते 700 वर्षों में उस शैली में दुनियां में कहीं भी किसी भी मंदिर का निमार्ण नहीं किया गया है. मण्डोवर इस मंदिर का मुख्य शिखर है.

तो साथ में सात और भी शिखर हैं जिसका आकार और स्वरूप देखने में किसी ऑलमोस्ट पिरामिडिकल आकार का लगता है. इस हिंदू मंदिर का निमार्ण, मूर्तिकला सनातन शास्त्रों के अनुसार ही किया गया है. इस मंदिर में भगवान श्रीराम के शिखर पर आपकों संपूर्ण रामायण काल की कलाकृति को दी गई है।

जिसमें आपको भगवन श्री राम का जन्म भूमि अयोध्या, विवाह, वनवास और भगवान श्री राम का अयोध्या वापस आना जैसे कुल 40 भिन्न भिन्न प्रसंगों का वर्णन किया है। वहीं भगवान शिव के शिखर पर आपकों शिव पुराण की कलाकृति को अंकित किया है. साथ ही राधा-कृष्ण और भगवान श्री जगन्नाथजी के शिखर पर श्री मद भागवतम्, महाभारत तथा जगन्नाथ जी की कलाकृति को अंकित के गई है। Abu Dhabi Hindu temple Inauguration

तो वही भगवान श्री स्वामीनारायण के शिखर पर भगवान श्री स्वामीनारायण जी के सम्पूर्ण जीवनी का वर्णन किया  है. इसके अलावा भगवान तिरूपतिजी बालाजी मंदिर , पद्मावती और भगवान अयप्पा के शिखर पर आपकों इन सभी देवताओं से जुडी तथ्य की कलाकृति अंकित की गई है।BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi Opening Date

मंदिर में धर्मगुरु और महापुरुषों की भी है मूर्तियां

इस Abu Dhabi Hindu Temple की वास्तुकला की अगर हम बात करें तो इस मंदिर का पूरा निमार्ण सनातन धर्म और उनसे जुड़ी हुईं अलग अलग गुणों के आधार पर किया गया है जो सत्य, अहिंसा,सहिष्णुता, दया, करुणा,संयम, प्रेम तथा आस्था विश्वास आदी के मूल्यों की एक जगह प्रतिमूर्ति रुप दिया  है।

इस BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi को ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पूरे विश्व के मंदिर को पकड़कर यह रखा हो। साथ ही इस मंदिर में हमारे कई महान धर्मगुरु और महापुरुषों की मूर्तियां भी हैं. इसके अलावा इस मंदिर में भारतीय पौराणिक कथाएं जैसे पंचतंत्र, नचिकेता तथा श्रवण को भी चित्रित किया हैं।

इस मंदिर परिसर में भारतीय मंत्र जो हैं यत्र विश्वं भवत्ये कनीडम् वसुधैव कुटुम्बकम् को चित्रित किया है. जिसमें आपकों 14 अलग अलग पौराणिक सभ्यताएं शामिल हैं, उसमे हार्मनी प्रसंग माया संस्कृति, अरबी संस्कृति और यूरोपीय संस्कृति आदी से भी प्रसंग लिया गया है.

स्वामि नारायण मंदिर में दो डोम हैं. जिसमें एक पारंपरिक डोम में देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं वहीं दूसरे डोम में आपकों पृथ्वी, जल, वायु तथा आकाश को दर्शाया गया है।Abu Dhabi Hindu temple Stutus

संगमरमर तथा ब्लेक ग्रेनाइट से बनाई है भगवान की मूर्ति

इस Abu Dhabi Hindu Temple में स्थापित अक्षर पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, राम दरबार और भगवान शिव की प्रतिमा संगमरमर से बनी हुई हैं. वहीं पद्मावती तथा तिरुपति बालाजी की प्रतिमा को ब्लेक ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित किया गया है.

इसके अलावा श्रीजगन्नाथजी की प्रतिमा को कास्ट यानी लकड़ी से बनाई गई है. तथा भगवान अयप्पा की मूर्ति को धातु से निर्मित किया गया है. और यह सभी मूर्ति का निमार्ण भारत के भिन्न भिन्न मंदिर और उनके संस्था के देख रेख  गई हैं।

यह दुनिया का पहला शास्त्रोक्त मंदिर है BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi Address

इस BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi को बनाते वक्त साइन्टिफिक डेटा का भरपूर इस्तेमाल किया गया है. जिसके लिए इसके नींव में करीब  100 सेंसर और मंदिर के अन्य हिस्सों के निर्माण में कुल 350 से अधिक सेंसर को लगाए गए हैं.

जिसका काम हैं आपकों कंप्यूटर डेटा के माध्यम से भूकंप, तापमान और दबाव परिवर्तन जैसी कुल तीन भिन्न भिन्न जानकारी को देने का काम करेगी। और यहीं कारण हैं कि इस BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi को दुनियां का पहला शास्त्रोक्त मंदिर भी कहा जा रहा है जिसमे वैज्ञानिक डेटा भी देखने को मिलता है।

गंगा, यमुना और सरस्वती के जल से होगा पूजन विधि

यह एक ऐसा मंदिर हैं जिसका परिसर और BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi दोनों अलग-अलग चीज हैं. जिसका डिजाइन सभी साधु संतों ने विपुलभाई सोमपुरा से चर्चा करके ही फाइनल किया था. और इसके डिजाइन में सभी प्रकार के दैविये  जीव जानवरों को चित्रित किया है जैसे गाय, बैल ,शेर, घोड़े, तोते और मोर आदि हैं. साथ ही गंगा, यमुना वा सरस्वती नदियों को दर्शाया गया हैं.

1 हजार साल तक खड़ा रहेगा मंदिर

इस भव्य BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi बनाते वक्त प्राकृतिक सामग्रियों का पुरा इस्तेमाल किया गया है. जो जल्दी टूट फुट या सड़ गल न जाएं. यहां तक कि इस Abu Dhabi Hindu Temple में आपकों कहीं भी किसी स्टील या लोहे या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सिर्फ़ और सिर्फ़ पत्थर का उपयोग किया है.

इसके BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi निमार्ण ट्रस्ट का कहना है कि नींव खोदते समय नीचे से एक बडा सा पत्थर भी मिल गया था।

आपको बता दें कि BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi के निर्माण में इस्तेमाल की गई रेत क्लोरीन तथा सल्फर मुक्त है. और इस वजह से यह  यह मंदिर करीब 1 हजार साल से अधिक तक खड़ा रहेगा।

अबू धाबी हिंदू मंदिर में पूजे जाने वाले देवता
BAPS स्वामीनारायण मंदिर में अक्षर-पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अयप्पा की मूर्तियाँ हैं।

अबुधाबी हिंदू मंदिर का पता
BAPS स्वामीनारायण मंदिर पी6 – अबू धाबी – संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है।