केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में नया हिट एंड रन विधेयक पारित किया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब यह भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून बन चुका है।यह कानून भारतीय न्याय संहिता में भारतीय दंड विधान की जगह लेगा।हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) के तहत ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से पीड़ित की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।
हिट एंड रन क्या है?
हिट एंड रन का मतलब है कि किसी वाहन चालक द्वारा सड़क दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना। इस कानून के तहत, यदि कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है और फिर मौके से भाग जाता है, तो उसे हिट एंड रन के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है।भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है
क्या है नया ‘हिट एंड रन’ कानून?
भारतीय न्याय संहिता (IPC) के तहत ‘हिट एंड रन’ के मामले में पहले दो साल की सजा का प्रावधान था और आसानी से जमानत भी मिल जाती थी। लेकिन 2023 में लागू हुए नए कानून में इस सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके अलावा, जुर्माने की राशि भी बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है।
नए कानून के तहत, यदि कोई वाहन चालक गलत ड्राइविंग या लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है और मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यदि दुर्घटना में किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगती है, तो चालक को 7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
ड्राइवर क्यों कर रहे हैं इसका विरोध?
ड्राइवर इस नए कानून का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह कानून बहुत सख्त है और इससे उनके काम पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उनका कहना है कि अगर कोई दुर्घटना हो जाती है और चालक मौके से फरार हो जाता है, तो वह घबराहट के कारण ऐसा कर सकता है। ऐसे में, उसे 10 साल की सजा मिलना उचित नहीं है।
ड्राइवर यह भी कहते हैं कि इस कानून से सड़क पर अपराध बढ़ सकते हैं। उनका कहना है कि अगर चालक को पता है कि उसे दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना पड़ेगा, तो वह दुर्घटना को रोकने के लिए कोशिश नहीं करेगा।
ड्राइवरों को डर है कि अगर वे किसी सड़क दुर्घटना के बाद घायल की मदद करने के लिए रुकते हैं, तो उन्हें भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार दिया जा सकता है। यह डर इसलिए है क्योंकि भारत में सड़क दुर्घटनाओं के बाद भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं आम हैं।
ड्राइवरों की शिकायत है कि नए कानून में सजा बहुत ज्यादा है। उनका कहना है कि यह सजा इतनी ज्यादा है कि यह वाहन चालकों के लिए एक डर का माहौल पैदा करेगी। इससे वाहन चालक सड़क पर अधिक सावधानी से गाड़ी चलाने के बजाय, दुर्घटना के बाद मौके से भागने का प्रयास करेंगे।
नए कानून का लक्ष्य हिट-एंड-रन मामलों की संख्या को कम करना है, जो हर साल भारत में लगभग 50,000 मौतों का कारण बनते हैं।
क्या हैं कानून के पक्ष में तर्क?
सरकार का मानना है कि नया कानून सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा। सरकार का कहना है कि अगर दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और चालक मौके से फरार हो जाता है, तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। इससे अन्य चालकों को भी यह संदेश जाएगा कि उन्हें दुर्घटना के बाद मौके से भागना नहीं चाहिए।
सरकार यह भी कहती है कि नए कानून से घायल व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सकेगा। सरकार का मानना है कि अगर दुर्घटना के बाद चालक मौके पर रुकता है, तो वह घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर सकता है। इससे घायल व्यक्ति की जान बच सकती है।
क्या है कानून का भविष्य?
अभी यह कहना मुश्किल है कि नए कानून का भविष्य क्या होगा। सरकार का मानना है कि यह कानून सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा। लेकिन ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में, यह संभव है कि सरकार इस कानून में कुछ बदलाव करे।