भूल जाते हैं हर चीज याददाश्त, अच्छी रहेगी अपनाये ये 7 तरीके उम्र के साथ याददाश्त का घटना स्वाभाविक है, लेकिन अमेरिका की जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट और द कंपलीट गाइड टू मेमोरी द साइंस पुस्तक के लेखक डॉ. रेस्तक का मानना है कि याददाश्त को हमेशा कुछ तरीके अजमा कर दुरुस्त रखा जा सकता है आज हम इन्ही तरीको के बारे में जानेगे।
By:-shubham sharma
बैसे तो याददाश्त बढाने के कई तरीके है, जिनमे से हम कुछ प्रमुख तरीको पर बात करेंगे।
सामाजिक गतिविधियों से याददाश्त को बेहतर बनाने के तरीके
सामाजिक गतिविधियों को याददाश्त को सुधारने और बेहतर बनाने के एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखा जा सकता है। सामाजिक मिलनसार गतिविधियों में विभिन्न विषयों पर बातचीत करके और वाद-विवाद में भाग लेकर याददाश्त को सुधारा जा सकता है। इससे आपके मस्तिष्क को चुनौतियों का सामना करने का मौका मिलेगा।
जिससे याददाश्त में सुधार होगा। इसके अलावा पेंटिंग, आर्ट और क्राफ्ट, म्यूजिक आदि सामाजिक गतिविधियाँ के माद्यम से भी मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ावा मिलता हैं। जिससे याददाश्त में सुधारने आता है। इसके अलावा ग्रुप खेल और मनोरंजनीय गतिविधियो से भी आपके मस्तिष्क की ताकद और सहनशीलता को बढ़ावा मिलता हैं, जिससे याददाश्त में सुधार होता है।
याददाश्त को मेडिटेशन से बढाये
मेडिटेशन एक प्रभावी तकनीक है जिसका प्रयोग करके आप याददाश्त को सुधार सकते हैं। मेडिटेशन को नियमित रूप से करना महत्वपूर्ण है। हर दिन किसी निश्चित समय पर मेडिटेशन करना ठीक होता है । इससे आपके मस्तिष्क की क्षमता में सुधार होगा और याददाश्त भी बेहतर हो सकती है,कोशिश करे कि मेडिटेशन हमेशा शांति वाली जगह पर करे,
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मेडिटेशन के दौरान अपने आस-पास के शोरगुल को कम करने कि कोशिश करे और हो सके तो एक शान्ति भरा स्थान चुने। खामोशी में मेडिटेशन करने से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है और याददाश्त में सुधार होता है।मेडिटेशन के दौरान अपने मन में अच्छे विचार लाए और अपने मन को शुद करने का प्रयास करें। यह सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देगा और मस्तिष्क की क्षमता को बढायेगा ।
याददाश्त के लिए नियमित व्यायाम करे,
याददाश्त बेहतर करने के लिए नियमित व्यायाम एक महत्वपूर्ण तरीका है। नियमित व्यायाम से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है, जिससे याददाश्त भी बेहतर होती है। व्यायाम करने का सही समय चुनना भी महत्वपूर्ण है। सुबह व्यायाम करने से दिमाग तरोताजा हो जाता है और याददाश्त बेहतर होती है।
कार्डियोवास्कुलर व्यायाम याददाश्त को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। हृदय संबंधी व्यायाम जैसे दौड़ना, बाइक चलाना, जिमनास्टिक, तैराकी आदि ये हृदय को स्वस्थ रखते हैं और मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाते हैं। यह व्यायाम आपके मस्तिष्क को अधिक ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे याददाश्त में सुधार हो सकता है।
नियमित व्यायाम न केवल आपकी याददाश्त में सुधार कर सकता है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है। उचित मार्गदर्शन और नियमितता के साथ, आप अपनी याददाश्त में सुधार के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाकर अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
याददाश्त को रोज चुनौती दें
रोज के कई काम हैं जिसके जिनके माध्यम से याददाश्त को चैलेंज किया जा सकता है ।जेसे खरीदारी के लिए तैयार की गई सूची को याद रखने की कोशिश करें। याददाश्त के आधार पर सामग्री खरीदें और फिर बाद में उसे सूची से मैच करें ।पारंपारिक मार्ग की जगह नए रास्तों को आजमाएं।
खेल जरुर खेले
चेस खेलना याददाश्त के लिए बहुत फायदेमंद है। सुडोकू और पहेलियां हल करना भी कारगर होता है । इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति जैसी हस्तियों के नाम क्रम से लिखने के बाद उनके नामों को उल्टे क्रम में लिखे। ऐसे ही अन्य पसंदीदा चीजों को भी कर सकते हैं
याददाश्त पढे ख़ासकर कहानिया
याददाश्त से संबंधित समस्याओं में लोग कल्पना करना काम कर देते हैं। कहानियां पढ़ते समय मस्तिष्क की शब्दों के साथ सक्रियता बढ़ती है।कहानी की शुरुआत से लेकर अंत तक कैरेक्टर को याद रखना पड़ता है।
टेक्नोलॉजी को सीमित करे
तकनीक याददाश्त को दो तरह से प्रभावित करती है। पहला जब हम सभी चीजो को फ़ोन में स्टोर करने लगते है तो मस्तिस्क चीजो पर फोकस करने, कंसंट्रेट करने और उन्हें विजुअलाइज करने का काम छोड़ देता है। दूसरा, अधिकांश समय टेक्नोलॉजी हमारा ध्यान भंग करती है। ऐसे में हम किये जाने वाले कामो पर ध्यान नहीं दे पाते है। इसे मेमोरी लेप्स कहते है।
निष्कर्स:-भूल जाते हैं हर चीज याददाश्त,अच्छी रहेगी अपनाये ये 7 तरीके हमने इस लेख में जाना कि याददाश्त को कई तरीके से बढाया जा सकता है।जिनमे से हमने कुछ प्रमुख तरीको पर बात कि है। लेकिन कुछ परिस्तिथियो में हमें डॉक्टर कि सलाह जरुर लेना चाइये। जिससे हमें अपनी याददाश्त कि कमजोरी के सही कारण का पता लग सके,और समय रहते याददाश्त का सही उपचार हो सके,इसलिए अपने डॉक्टर से जरुर सलाह ले।
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