99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता पीपल का पेड़ (फ़िकस रिलिजियोसा) भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्राचीन और पवित्र पेड़ है। इसे संस्कृत में ‘अश्वत्थ’ और हिंदी में ‘पीपल’ के नाम से जाना जाता है। यह पेड़ पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी पाया जाता है। पीपल को हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म में पवित्र माना जाता है और इसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
पीपल का पेड़ बड़ा, गोल और ऊँचा होता है, पत्ते विशाल और सफेद रंग के होते हैं। पत्ते छाया देने वाले होते हैं, इसी कारण इस पेड़ की छाया बहुत पसंद आती है। अनइंस्टॉल के दोनों तरफ शाखाएं हैं जिनमें पीपल की शाखाएं भी शामिल हैं। पीपल के पेड़ का छिलका भी गहरे रंग का होता है।
पीपल का पेड़ धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में इसे जगतपिता ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। भगवान शिव की अधिष्ठात्री देवी को देवी दुर्गा कहा जाता है, जिसमें पीपल के पेड़ की पूजा भी शामिल है।
धार्मिक पूजा के साथ-साथ पीपल के पत्तों, मूर्तियों और लकड़ियों के कई औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं। आयुर्वेद में इसका प्रयोग विभिन्न औषधियों के उपचार में किया जाता है।हालाँकि, एक बात ध्यान देने योग्य है कि पीपल के पेड़ की मान्यता और महत्व विशेष स्थानों के आधार पर संस्कृति से संस्कृति और समुद्र से समुद्र तक भिन्न हो सकती है।
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ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता:-
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों बल्कि पत्ते हरे कोमल व भली प्रकार विकसित हों प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें पत्ते के बीच का भाग पानी से साफ कर लें इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पकने दें जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें दवा तैयार.
इस काढ़े की तीन खुराक बनाकर प्रत्येक 3 घंटे प्रातः लें हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें
पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है इस पीपल के काढ़े की तीन खुराक में सवेरे 8:00 बजे 11:00 बजे व २ बजे ली जा सकती हैं खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही ले प्रयोग काल में तली चीजें चावल आदि न लें नमक चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें अनार पपीता आंवला बथुआ लहसुन मैथी दाना सेब का मुरब्बा मौसंबी रात में भिगोए काले चने किशमिश गुग्गुल दही छाछ आदि ले.
इसके अलावा भी पीपल के पेड़ के कई फायदे हैं। नीचे कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- पवित्र स्थान: हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका प्रयोग विशेष धार्मिक आयोजनों और पूजा-पाठ में किया जाता है।
- औषधीय गुण : पीपल के पेड़ की पत्तियां, छाल और फलों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- आरामदायक वातावरण: पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से व्यक्ति को शांति और आराम का एहसास होता है। इसका तालाब फैला हुआ रहता है जिससे आसपास का वातावरण ठंडा रहता है।
- खांसी और सर्दी के लिए फायदेमंद: पीपल के पत्तों का पाउडर खांसी, सर्दी और कफ को कम करने में मदद करता है।
- पाचन में सुधार करने में मददगार: पीपल के पत्ते पाचन में सुधार करते हैं और पेट की समस्याओं को कम कर सकते हैं।
- त्वचा की समस्याओं के लिए: पीपल के पेड़ की छाल का उपयोग त्वचा की समस्याओं, जैसे त्वचा रोग, खुजली और फोड़े के इलाज के लिए किया जा सकता है।
- मानसिक शांति: पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से मानसिक तनाव और चिंता कम होती है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
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