How to call Lord Shiva for help?मदद के लिए भगवान शिव को कैसे बुलाएंहिंदू धर्म में भगवान शिव को बुलाने का विशेष महत्व है। त्रिमूर्तियों में एक अन्य सर्वोच्च देवता शिव को नेत्रधारी शिव के नाम से भी जाना जाता है। शिव को मानसिक और शारीरिक संतुष्टि, संतुलन, शक्ति और आनंद के स्रोत के रूप में पूजा जाता है। यदि आप संक्षेप में जानना चाहते हैं कि आप भगवान शिव का आह्वान कैसे कर सकते हैं तो निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:सबसे पहले आपको जानना जरुरी है कि आखिर भगवान शिव कौन है आइये जानते है उनके बारे में ,
भगवान शिव कौन है?Who is Lord shiva
भगवान शिव हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। वह त्रिमूर्ति का हिस्सा है, जिसमें ब्रह्मा (सृजन के देवता), विष्णु (जीविका के देवता) और शिव (संहार के देवता) शामिल हैं। भगवान शिव को विभूति, भोलेनाथ, महादेव, नीलकंठ, शंकर, आदिनाथ, रुद्र, नटराज आदि नामों से भी जाना जाता है।
भगवान शिव की विशेष विशेषताएं हैं:
- त्रिशूल: उनके हाथ में त्रिशूल है, जो उनके विनाश का प्रतीक है।
- गंगा: उनकी जटाओं से भगवान गंगा की धारा निकलती है, जो अपने भक्तों को पवित्र करती है।
- चंद्रमा: चंद्रमा उनकी गोद में विराजमान है, जो शिव की सुंदरता का प्रतीक है।
- साँपों की माला: उनके गले में साँपों की माला है, जो प्रकृति और संसार की नश्वरता का प्रतीक है।
- नंदी: उनका वाहन नंदी (भैरव का बैल) है, जिसे वे प्रिय मानते हैं।
भगवान शिव के वर्णन में उन्हें स्तुति, धर्म, तपस्या, वैराग्य, विनाश और संहार के देवता के रूप में जाना जाता है। इन्हें भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ मिलकर सृष्टि की रचना, पालन और संहार का कार्य करने वाले महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। वे धार्मिक संस्कृति में बहुत महत्व रखते हैं और हिंदू धर्म में विभिन्न स्थानों पर उनकी पूजा की जाती है।
भगवान शिव का परिवार Lord shiva family
भगवान शिव के परिवार में उनकी पत्नी देवी पार्वती (प्रकृति) शामिल हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती को ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजनीय या पूजा जाता है, और उन्हें अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है, क्योंकि वे पुरुष और महिला समान प्रतीत होते हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती के बाल रूप को भगवान कार्तिकेय (स्कंद) के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं।
भगवान शिव और देवी पार्वती के दो अन्य पुत्र भी हैं:
भगवान गणेश: इन्हें विघ्नहर्ता और विघ्नेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। वे सभी देवी-देवताओं के प्रमुख गण हैं और उद्घाटनों में उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है।
भगवान कार्तिकेय: जिन्हें स्कंद या मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें सेनापति और युद्ध के देवता के रूप में जाना जाता है।
भगवान शिव के परिवार के साथ-साथ उनके वाहन भी हैं। भगवान शिव का वाहन नंदी (बैल या बैल) है, जो उन्हें अपने साथ भक्तों के पास ले जाता है। देवी पार्वती के वाहन को सिंह कहा जाता है, जिन्हें माता से सम्बोधित किया जाता है।
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भगवान शिव के विभिन्न गुणों को भगवान शिव के परिवार द्वारा हिंदू धर्म में उत्कृष्टता और पूर्णता के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जाता है। उन्हें ब्रह्मांड में प्रकृति और मनुष्य के साथ संतुलन और एकता का प्रतीक माना जाता है।
मदद के लिए भगवान शिव को कैसे बुलाएं?How to call Lord Shiva for help
भगवान शिव को बुलाने के लिए आप निम्नलिखित कुछ साधारण उपाय कर सकते हैं। यह सभी उपाय आपकी ईच्छा और धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार होने चाहिए:
पूजा और आराधना: भगवान शिव को प्राथमिक रूप से पूजा और आराधना करना अच्छा विकल्प है। आप रुद्राभिषेक, शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र, और महामृत्युंजय मंत्र की रोजाना पाठ कर सकते हैं।
मेधा स्तोत्र: “मेधा स्तोत्र” शिव को बुलाने और उनके कृपा एवं आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से आपको शिव के अच्छे आशीर्वाद की प्राप्ति हो सकती है।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” यह भगवान शिव का महामंत्र है जो उन्हें बुलाने और उनके संपर्क में आने में सहायक हो सकता है। आप इस मंत्र का जाप ध्यान एवं भक्ति के साथ नियमित रूप से कर सकते हैं।
शिवलिंग पूजा: शिवलिंग की पूजा भगवान शिव के प्रतीक रूप में की जाती है। इसे पूजने के लिए गंगाजल और धूप-दीप उपयोग करें और मन से शिव को बुलाएं।
व्रत और उपवास: शिव पूजा के दौरान व्रत और उपवास रखना भी आचार्य विकल्प है। आप शिवरात्रि या प्रतिमा पूजा के दिन व्रत रख सकते हैं।
स्थानिक मंदिर: अगर संभव हो और आपके पास निकटवर्ती मंदिर हो, तो वहां जाकर भगवान शिव को आराधना करें और प्रार्थना करें।
ध्यान रहे कि भगवान की आराधना और पूजा करने से पहले, आपके मन में सच्ची भक्ति और आदर्शवाद होना आवश्यक है। संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ आराधना करने से भगवान शिव आपकी प्रार्थना को सुनते हैं और आपकी मदद करते हैं।
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