घर से निकास के लिए दाईं ओर प्रवेश द्वार बनवाएं।

घर में प्रवेश हेतु एक द्वार ही रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर 3 दरवाजे शुभ नहीं होते हैं। घर में प्रवेश हेतु उत्तर और पूर्व की दिशा बेहतर होती है।

दक्षिण की दिशा में भूलकर भी द्वार न दें। इससे घर में नकारात्मक शक्ति का आगमन होता है।

घर के बाहर उत्तर दिशा में गूलर, पाकड़ आदि वृक्ष न लगाएं। इससे नेत्र संबंधी बीमारियां उत्पन्न होती हैं।

साथ ही घर में बेर, केला, पीपल और अनार के पेड़ भी न लगाएं। इससे घर की बरकत गायब हो जाती है।

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बृहस्पति देव का वास होता है। इसके लिए इस दिशा में पूजा घर रखें।

मंदिर में देवी-देवताओं का मुख पूर्व की दिशा में रखें।

उत्तर दिशा में डस्टबिन, वॉशिंग मशीन, झाड़ू और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भूलकर भी इस दिशा में न रखें। ऐसा करने से धन की हानि होती है।