*बवासीर रोग क्या है what is piles (hemorrhoids) disease,
बवासीर रोग एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों में सूजन और खुजली होती है। यह रोग एक प्रकार का संक्रमण होता है जो बैक्टीरिया या वायरस से होता है।
बवासीर रोग के लक्षणों में त्वचा के कुछ हिस्सों में लाल दाने होते हैं, जो सूख जाते हैं और फिर त्वचा के स्थान को गंभीर रूप से खराब करते हैं। इसके अलावा, त्वचा पर सूजन, खुजली और जलन भी होती है। इस रोग के सबसे सामान्य स्थान गुदा क्षेत्र होता है, लेकिन इसका प्रभाव अन्य शरीर के हिस्सों पर भी हो सकता है। बवासीर रोग को अंग्रेजी में “piles” या “hemorrhoids” के नाम से भी जाना जाता है। यह त्वचा का रोग होता है जो उत्तरोत्तर उन्नति के साथ दर्दभरा हो जाता है।
बवासीर रोग में वास्तव में रक्तमांश के उभार जिसे अंग्रेजी में hemorrhoids कहते हैं, हो जाते हैं। ये उभार आमतौर पर गुदा के अंदर या बाहर की तरफ होते हैं और दर्द, खुजली, सूजन या अन्य असुविधाओं का कारण बनते हैं। इस रोग का मुख्य कारण गुदा क्षेत्र में दबाव के कारण रक्त संचार में कमी होना होता है।
*बवासीर रोग के लक्षण,symptoms of piles(hemorrhoids)2023
बवासीर या पाइल्स उच्च रक्तचाप, वातावरणिय दबाव, खराब खान-पान, अव्यवस्थित जीवनशैली और अन्य कारणों से होने वाली एक आम समस्या है। यह आमतौर पर जठर में या गुदा के आसपास की नसों में सूजन या अंगूठे के सामान प्रतीत होने वाले रोग होते हैं। इस रोग के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:
1.जलन या खुजली – गुदा के आसपास या अंगूठे के आसपास जलन, खुजली या दर्द हो सकता है।
2.खून – गुदा में सूजन और खुजली के साथ-साथ खून भी आ सकता है। खून निकलने के साथ-साथ सूजन भी हो सकती है।
3.सूजन – गुदा के आसपास सूजन हो सकती है जो आपको तकलीफ दे सकती है। यह सूजन अंगूठे के साथ साथ गुदा के अंदर भी हो सकती है।
4.घाव – कुछ बार गुदा में छोटे-छोटे घाव हो जाते हैं जो बहुत तकलीफदेह होते हैं।
5.रक्त स्त्राव – कुछ बार गुदा से श्लेष्मा या मल निकलता है।
यदि आपको ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको एक अनुभवी डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। डॉक्टर आपकी समस्या को ठीक से निदान करके उपचार के लिए आपको सलाह दे सकते हैं।
कुछ लोगों के लिए बवासीर के लक्षण थोड़े आम होते हैं और इससे संबंधित समस्याएं स्वतः ही ठीक हो जाती हैं। लेकिन, यदि आपकी समस्या बहुत गंभीर है या देर से इलाज किया जाता है, तो यह आपके लिए और भी अधिक तकलीफदेह हो सकता है।
*बवासीर रोग किन कारणों से होता हैWhat causes piles disease,
बवासीर (पाइल्स) रोग कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1.कब्ज: अधिक शुगर और फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, कम पानी पीना और फाइबर की कमी आदि से कब्ज होता है जो बवासीर के मुख्य कारणों में से एक है। कब्ज से जुड़े दोष के कारण गुदा अंग में दबाव बढ़ता है, जो बवासीर का मुख्य कारण है।
2.गर्भावस्था: गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव होते हैं जो पाइल्स के रूप में जाने जाते हैं। गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप भी हो सकता है, जो पाइल्स के लिए अतिरिक्त खतरा होता है।
3.बैठने का अधिक आदत: दिन भर बैठे रहने से बवासीर का खतरा बढ़ता है। इसके लिए लम्बे समय तक बैठे रहने वाले व्यवसायिक या ऑफिस वाले लोगों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
4.आहार: ज्यादा फैट वाले और मैदा से बनी चीजें, कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन आदि बवासीर के लिए खतरनाक हो सकता है।
5.वजन: अतिरिक्त वजन रखने से भी बवासीर के लिए खतरा बढ़ता है।
6.गुदा अंग में दरार: गुदा अंग में चोट लगने से, जीर्ण संक्रमण या गुदा अंग में किसी और रोग से भी बवासीर का खतरा बढ़ता है।
7.उम्र: बवासीर बड़े उम्र के लोगों में ज्यादा होता है।
8.प्रगति के दौर में: बवासीर अधिकतर प्रगति के दौर में बढ़ता है।
9.विरुद्धाहरण: गुदा अंग की स्वच्छता का ध्यान न रखना या गलत तरीके से साफ सफाई करना आदि भी बवासीर के लिए खतरनाक हो सकता है।
इन सभी कारणों से बचने के लिए , लोगों को नियमित व्यायाम करना, सही आहार लेना, नियमित दूध पीना, नियमित समय पर सफाई करना और समय-समय पर पानी पीना जैसे स्वस्थ आदतों को अपनाना चाहिए। इसके अलावा, लोगों को सीधे बैठकर काम करने से बचना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम या लम्बी दौड़ जैसी शारीरिक गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
*बवासीर रोग का उपचार treatment of piles(hemorrhoids)2023
*पानी का सेवन
हां, पानी का सेवन बवासीर के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह बवासीर के उपचार के लिए सरल और प्रभावी तरीका होता है।
दैनिक रूप से कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है। इससे आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है जो आपकी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, पानी आपके द्वारा खाये जाने वाले भोजन को भी पाचन और उपचार के लिए बेहतर बनाता है। यदि आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपकी आंतों में कब्ज की समस्या हो सकती है जो बवासीर का मुख्य कारण होती है।treatment of hemorrhoids
इसलिए, बवासीर के इलाज के लिए पानी का सेवन बहुत जरूरी है। आपको समय-समय पर ठंडे पानी का सेवन करना चाहिए और खाने के साथ पानी पीने का अभ्यास करना चाहिए।
*फाइबर युक्त आहार
बवासीर के इलाज में फाइबर युक्त आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। फाइबर युक्त आहार से आपकी आंतों में कब्ज की समस्या कम होती है जो बवासीर के उपचार में मददगार होती है।
फाइबर युक्त आहार शरीर के लिए स्वस्थ और संतुलित रहने में मददगार होता है। इसमें अन्य तत्वों के साथ-साथ अनाज, फल, सब्जियां, दालें और दूध आदि शामिल होते हैं।
फाइबर युक्त आहार की मात्रा को बढ़ाने के लिए, आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं:
1.अनाज जैसे- ब्राउन राइस, गेहूं, ओट्स, किनुआ, बाजरा आदि
2.फल जैसे- अंगूर, नींबू, सेब, पपीता, अनार आदि
3.सब्जियां जैसे-लौकी, टमाटर, गाजर, फूलगोभी, बैंगन, पालक आदि
4.दालें जैसे- मूंग, चना, अरहर, उड़द आदि
5.दूध और उससे बनी चीजें जैसे- पनीर, दही, छाछ, पेन केक आदि।
फाइबर युक्त आहार का सेवन बवासीर के इलाज में मददगार होता है। आपको दिन में कम से कम 25-30ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, आप फाइबर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं, जो बाजार में उपलब्ध होते हैं। लेकिन सुनिश्चित करें कि आप फाइबर सप्लीमेंट्स को डॉक्टर की सलाह लेकर ही लें, ताकि इसका उपयोग सही तरीके से हो सके।
एक अन्य महत्वपूर्ण बात जो फाइबर युक्त आहार के साथ संबंधित है, वह है पानी की मात्रा। अधिक पानी पीने से आपके शरीर के अंदर कब्ज से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं और आपके शरीर में फाइबर का संचय होता है।
इसलिए, बवासीर के इलाज में फाइबर युक्त आहार का सेवन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही पानी की मात्रा बढ़ाना भी बहुत जरूरी होता है।अंतिम शब्द में, आपको बवासीर की समस्या से निपटने के लिए दैनिक रूप से सेवन करने वाले उत्तम फाइबर युक्त आहार और पानी की अधिक मात्रा से संबंधित बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको नियमित व्यायाम करना भी चाहिए ताकि आपके शरीर की ऊर्जा स्तर बना रहे और आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सके। यदि बवासीर के लक्षण बढ़ते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
*बैठने का सही तरीका
बवासीर के उपचार के लिए सही बैठने का तरीका निम्नलिखित है:
1.एक साफ-सफाई वाले टंबे में गर्म पानी लें और उसमें साबुन या हल्के से फूले हुए सोडा का इस्तेमाल करके बैठें। इससे बवासीर से आपको राहत मिलेगी।
2.अपने नितंबों को साफ करने के लिए नमीपूर्ण टिश्यू का उपयोग करें और एक बार में केवल एक टिश्यू का उपयोग करें।
3.बैठने के दौरान अपने नितंबों को सुखाने के लिए कुछ समय के लिए खुली जगह पर खड़े रहें।
4.अपनी बैठने की सीट में साफ-सफाई वाले कपड़े या टिश्यू का उपयोग करें और उसे हर बार इस्तेमाल करने के बाद धोएं।
5.दिन में कुछ बार नीचे के हिस्से को हल्के से मलिश करने से बवासीर से राहत मिल सकती है।
इन सभी उपायों के अलावा, बैठने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। अधिक गंभीर मामलों में, आपको डॉक्टर द्वारा निर्धारित उपचार का पालन करना होगा।
*ब्यायाम करने से
बवासीर के उपचार के लिए व्यायाम का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। निम्नलिखित व्यायाम बवासीर के उपचार में मदद कर सकते हैं:
1.व्यायाम के लिए धीरे-धीरे शुरू करें और बीच-बीच में रुकें।
2.पेट को अंदर खींचें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें।
3.घुटनों को सीधा रखें और पैरों को थोड़ा फैलाएं।
4.पांवों को घुमाएं और बाएं और दाएं ओर झुकाएं।
5.समय-समय पर व्यायाम करें और ध्यान रखें कि आपकी श्वास लंबा हो।
7.सदैव अपने शरीर के सीमिततम सीमा तक जाने का प्रयास करें।
8.नियमित व्यायाम करें और समय-समय पर विश्राम लें।
9.व्यायाम करने से पहले खाने का अंतिम समय सुनिश्चित करें।
ध्यान रखें कि बवासीर के मामलों में व्यायाम से पहले एक डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो सकता है।
*बवासीर का इलाज दवाएं से
बवासीर के उपचार के लिए कई विभिन्न प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1.शल्य चिकित्सा: यदि बवासीर गंभीर होता है और इसे दवाओं द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है, तो शल्य चिकित्सा अंतिम विकल्प हो सकता है। इसमें वृद्धि दर्जे के अनुसार बवासीर को दूर करने के लिए सुर्जरी किया जाता है।
2.दवाएं: बवासीर के उपचार के लिए कुछ दवाएं भी उपलब्ध हैं, जैसे कि पेन्टासा डेपो इंजेक्शन, क्रीम और दवाइयां। ये दवाएं शुष्क या तरल बवासीर के लिए प्रभावी होती हैं। आपके डॉक्टर द्वारा अनुशंसित दवाओं का उपयोग करें।
3.आयुर्वेदिक दवाएं: कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी बवासीर के इलाज में मददगार हो सकती हैं। आमतौर पर यह आम्लीय फल, ट्रिफला, नीम, घृतकुमारी, अर्जुन और हरिताकी जैसे प्राकृतिक घटकों से तैयार की जाती हैं।
4.जीवाणु विरोधी दवाएं: कुछ बवासीर के मामलों में जीवाणु विरोधी दवाओं का उपयोग भी किया जाता है जो संभवतः संक्रमण से होने वाले समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इस तरह की दवाओं में बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक शामिल होते हैं।
कृपया ध्यान दें कि दवाओं का उपयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको उपचार के लिए सबसे अच्छी दवाएं बताएंगे।
*बवासीर के उपचार सर्जरी के दुबरा
अगर बवासीर का इलाज उपरोक्त उपायों से ठीक नहीं होता है या बवासीर गंभीर हो जाता है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी के द्वारा बवासीर के लिए कई विकल्प होते हैं जैसे कि:
1.हेमोरोइडेक्टमी: इस प्रक्रिया में बवासीर के गोले भाग को निकाल दिया जाता है। यह एक परंतु बड़ी सर्जरी होती है और अनेक महीनों के लिए असुविधाओं के साथ आती है।
2.रबड़ बैंड लिगेशन: इस प्रक्रिया में एक छोटा रबड़ बैंड बवासीर के तुरंत ऊपर के हिस्से में जकड़ा जाता है, जिससे उसका खूनस्राव बंद हो जाता है। इस तरीके का उपयोग आमतौर पर गंभीर बवासीर के लिए नहीं किया जाता है।
3.स्क्लेरोथेरेपी: इस तकनीक में एक तरल पदार्थ बवासीर के अंदर इंजेक्शन के माध्यम से डाला जाता है, जो उसे सूखा देता है और उसको घटाने में मदद करता है।
ये तकनीकें सीधे और अनुकूलित होती हैं और बवासीर की समस्या के लिए उपयोगी होती हैं
*निष्कर्स(conclusion)
दोस्तों हमने अपने आर्टिकल मे बवासीर के बारे में बिस्तार से जाना और जब हम इसे पड़ते हे तो जानते है की ये बीमारी कोई एसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज न हो सके, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप इस बीमारी को अनदेखा कर दे ,अगर बवासीर के इलाज में देरी हो जाये तो ये वहुत पीड़ा दायक हो सकती है इसलिए इसका इलाज हमें जल्द से जल्द करना चाइये, उम्मीद हे आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा ,अगर आपको हमारे दुबरा दी गई जानकारी यदि पसंद आये तो इसे जरुर शेयर करे ,और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य से सम्बंदित जानकारी के लिए हमें instagram और फेसबुक पर फॉलो करके अपनी समस्या massage के दुबरा बता सकते है हम जल्द से जल्द आपको जबाब देने की पूरी कोशिस करेंगे। धन्यवाद,