What is Masturbation2023:-हस्तमैथुन क्या है।हस्तमैथुन करने के कारण,इससे होने बाले फायेदे, नुकसान और इसे छोड़ने के उपाए,

हस्तमैथुन को लेकर पूरी दुनिया के लोगों में कई भ्रम और सवाल हैं। कई लोग इसे गलत दृष्टि से देखते हैं तो कुछ सही समझ हैं, लेकिन अगर विज्ञान की परवाह करें तो विज्ञान इसे गलत नहीं लेता बल्कि वह इसे स्वास्थ्य के लिए जाने वाली एक सामान्य व्यायाम की तरह देखता है और बेहतर स्वास्थ्य का एक विकल्प बना देता है है।

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क्या होता है?हस्तमैथुन(what is masturbation

क्या होता है हस्तमैथुन? ख़ुद को अच्छा महसूस कराने के लिए जब आप अपने प्राइवेट पार्ट को छूते हैं तो इसे हस्तमैथुन माना जाता है. हर आदमी इसे अलग-अलग तरीके से करता है. हस्तमैथुन के दौरान आदमी अपने दिमाग में ‘उन खूबसूरत पलों’ की कल्पना करता है और उसके बारे में सोचता है.जो उसके प्राइवेट पार्ट में हलचल पैदा करत है उसे हस्तमैथुन कहेते है॥

हस्तमैथुन करने के कारण

यह मान्यता कि हस्तमैथुन में आनंद है:

हस्तमैथुन का सबसे बड़ा कारण तो यह ही है कि इसमें सुख माना हुआ है। पर अगर सच में हस्तमैथुन मे सुख होता तो फिर क्यों हस्तमैथुन के बाद आपको पछतावे का अनुभव होता है? किस वजह से आप एकदम निर्बल और निस्तेज हो जाते हो? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? सच में अगर इसके बारे में विचार किया जाए तो भी समझ सकेंगे कि सचमुच इसमें सुख है ही नहीं। सिर्फ सामाजिक प्रभाव और काल्पनिक मान्यताओं के आधार पर मान लिया है कि सुख है। और इसके आधार पर ही थोड़े समय के बाद मन फिर वहीं ले जाता है। तब हम मन को दृढ़ता से नहीं कह पाते कि इसमें सुख नहीं है। हम एक नौकर की तरह मन रूपी सेठ के कहे अनुसार फिर से उसी कीचड़ में गिर जाते है…है की नही ऐसा!!!

आकर्षण या विषयी विचारों में तन्मयाकार:

हस्तमैथुन की तरफ ले जाने वाला दूसरा महत्व का कारण आकर्षण है। किसी स्त्री का विषयी फोटो, विषयी वीडियो या प्रत्यक्ष देखने से, उसका ध्यान करने से आकर्षण हो जाता है। आकर्षण में तन्मयाकार होने से विषय विचार आते हैं। विचार आने से मन में एकदम विषय मंथन होता है। और विषय मंथन होने से स्खलन होगा ही। आकर्षण हुआ इसलिए विचार आते हैं। कभी ऐसा भी हो सकता है कि आकर्षण हुए बिना भी विचार आए। विषय के विचार आए इसलिए मन में एकदम मंथन होता है और सहज ही मंथन हुआ की सार (वीर्य) मर जाता है। वह मृत वीर्य शरीर के भीतर ही पड़ा रहता है। फिर बाद मे एक साथ इकट्ठा होकर बाहर निकल जाता है। तब हमको तो ऐसा ही लगता है कि आज मुझसे डिस्चार्ज हो गया। डिस्चार्ज तो अंदर हो ही रहा था , चल ही रहा था। बूंद बूंद डिस्चार्ज हो ही रहा था। बस, तन्मयाकार का मतलब ही मंथन है। विचार आया और तन्मयाकार हुआ के अंदर स्खलन हो ही जाता है।

कल्पना और चिंतवन के कारण से:

कई बार विषय की कल्पना की वजह से हम इसमें गिर जाते हैं। जैसा कि, किसी स्त्री का चित्र याद आए, कोई खराब फिल्में देखी हो या तो कभी मात्र कल्पना से व्यक्ति खड़ी करके उसके लिए विषयी चिंतवन और कल्पना कर लेते हैं। फिर कल्पना का थिएटर चालू करते हैं कि ऐसा होगा, फिर वैसा होगा तो कैसा मज़ा आएगा, ऐसी कल्पना की पुरी पिक्चर देखते हैं और यह कल्पना हमें अंत में हस्तमैथुन करवाती है।

हस्तमैथुन के फायदे (Benefits Of Masturbation)

हस्तमैथुन एक स्वस्थ सेक्शुअल गतिविधि है। इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं। वैसे तो हस्तमैथुन के फायदों पर बहुत कम रिसर्च उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसी कई स्टडीज हैं जो सेक्शुअल इंटरकोर्स और स्टिम्यूलेशन पर उपलब्ध हैं।
रिसर्च और वास्तविक रिपोर्टों के अनुसार, सेक्शुअल स्टिम्यूलेशन, जिसमें हस्तमैथुन के जरिए मिलने वाला स्टिम्यूलेशन भी शामिल है, आपकी निम्नलिखित कामों में मदद कर सकता है।

*स्ट्रेस से छुटकारा पाने में
*बेहतर नींद लेने में
*मूड को बेहतर बनाने में
*रिलेक्स होने में
*आनंद का अनुभव करने में
*दर्द और ऐंठन से छुटकारा पाने में
*सेक्शुअल टेंशन से छुटकारा पाने में
*बेहतर सेक्स करने में
*अपनी जरूरतों और इच्छाओं को भली प्रकार समझ पाने में

*इसके अलावा कपल्स भी आपस में अपनी विभिन्न यौन इच्छाओं को तलाशने के लिए साथ में हस्तमैथुन कर सकते हैं, वे एक-दूसरे को इस काम में सहयोग भी कर सकते हैं। इस तरीके से वे प्रेग्नेंसी से भी बच सकते हैं। हस्तमैथुन आपको वि भिन्न यौन संक्रमित बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है

Disadvantage of masturbation /हस्तमैथुन के नुकसान

देखिए यहां पहले यह समझना ज्यादा जरूरी है कि किसी भी चीज के नुकसान तभी होते हैं, जब हम आधी अधूरी जानकारी या नादानी में किसी भी काम या चीज की अति कर लेते हैं और अति हमेशा नुकसानदायक होती है। फिर चाहे बात खाने-पीने की हो, अच्छी-बुरी आदत की हो या हस्तमैथुन की हो। यहां तक कि हद से ज्यादा खुशी भी कई बार हानिकारक साबित हो जाती है। ऐसे ही हस्तमैथुन के विषय में भी है।

अगर आप माह में एक से दो बार हस्तमैथुन करते हैं या 3 बार हस्तमैथुन करते हैं, तब कोई नुकसान वाली बात नहीं है। लेकिन आप हर रोज हस्मैथुन करते हैं या एक ही दिन में कई-कई बार हस्तमैथुन करते हैं, तब तो आपको संभलने की बहुत ज्यादा जरूरत है। इस विषय पर विचार करने की तुरन्त जरूरत है।

रिसर्च के अनुसार कुछ लड़कियों में भी देखा गया है कि वो भी हस्तमैथुन करती हैं। लेकिन उनके हस्तमैथुन करने का तरीका और सोच, पुरूषों की अपेक्षा भिन्न होती है। यदि लड़कियां भी अधिक हस्तमैथुन करती हैं, तो हो सकता है। ऐसे में पुरूष अछूते कहां से रह सकते हैं।

वैसे तो Sexologist और Medical Science में हस्तमैथुन द्वारा खुद को संतुष्ट करने की क्रिया को हेल्दी तरीका माना गया है। लेकिन जैसे कि हमने पहले भी कहा कि अति किसी भी चीज की नुकसानदायक होती है, इसलिए होना भी स्वाभाविक है

तो चलिए जानते हैंहस्तमैथुन से होने बाले नुक्सान के बारे में के बारे में।

*दिमाग का स्थिर ना रहना

पुराने समय से लगातार हस्तमैथुन की लत के कारण ये Masturbation आपकी रोजाना की कार्यशैली में शामिल हो जाती है और जब आप मुठकरनी नहीं कर पाते, तो आपको बेचैनी होने लगती है। आपका शरीर और मस्तिष्क तनाव-रहित होना चाहता है, जो आपकी लत के कारण हस्तमैथुन से ही होना तय है। इसलिए आपका पूरा ध्यान मास्टरबेशन पर ही केन्द्रित रहता है और एक जगह पर दिमाग स्थिर नहीं रह पाता। आप कोई भी जरूरी काम को अधूरे में ही छोड़कर मुठकरनी शुरू कर देते हैं। ये सभी चीजें आपकी परफॉर्मेंस को प्रभावित करती हैं।

*बिस्तर पर खराब प्रदर्शन

जब भी कोई पुरूष हस्तमैथुन करता है, तो अपने दिमाग में कोई अश्लील कल्पना करके ही करता है और उस समय जिस प्रकार की उत्तेजना होती है, उसी प्रकार की गति भी हस्तमैथुन के लिए प्रयोग करता है। इसीलिए लगातार हस्तमैथुन करने से दिमागी कल्पना हावी होने लगती है, जिस कारण बिस्तर पर अपनी महिला साथी के साथ संभोग करते समय वह वैसी कल्पना नहीं कर पाता, जिसका असर बिस्तर पर ख़राब पड़ता है। ऐसे में ना तो पुरूष खुद संतुष्ट हो पाता है और ना ही अपने पार्टनर को संतुष्ट कर पाता है।

*शादीशुदा जीवन में असर

विवाह के बाद भी अगर कोई पुरूष मुठकरनी करता है, तो ऐसे में Sex Life प्रभावित होने लगती है और पत्नी के साथ आपसी रिश्तों में कड़वाहट आनी शुरू हो जाती है। क्योंकि पुरूष हस्तमैथुन करके खुद की संतुष्टि तो कर लेता है, लेकिन बाद में पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाता। उसकी सेक्स इक्चा में कमी आने लगती है।

*लिंग के लिए नुकसानदायक

कई पुरूष तो इतने मुठकरनी के आदि हो चुके होते हैं कि एक दिन में 3 से 4 बार भी मास्टरबेशन कर लेते हैं। ऐसे में लिंग से जुड़ी समस्या उत्पन्न होने लगती है जैसे कि लिंग में तनाव की कमी ,लिंग का पतलापन ,लिंग की कमजोर नसे, लिंग का टेढ़ापन,। कई बार तो कम उम्र में ही हस्तमैथुन की आदत के कारण लिंग का विकास रूक जाता है,लिंग का साइज़ नहीं बढ़ पाता। ऐसे में कई बार लिंग की कमजोर दूर करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना पड़ जाता है। इसे में लिंग बढ़ाने की दवाई खानी पड़ती है।

*सामाजिक तौर पर अलगाव

एक शोधानुसार ज्ञात हुआ है कि जो लोग हर रोज हस्तमैथुन करते हैं, वो धीरे-धीरे समाज से अलग होने लगते हैं। उनका सामाजिक तौर पर अलगाव होना शुरू हो जाता है। यार, रिश्तेदार या भीड़ भाड़ वाली जगह से बचते हैं, क्योंकि उनकी मानसिक दशा ऐसी हो चुकी होती है कि कभी भी और कहीं भी मास्टरबेशन की इच्छा होने लगती है। ऐसे में उन्हें एकांत की जरूरत महसूस होने होती है और जब एकांत नहीं मिल पाता है, तो स्वभाव में चिढ़चिढ़ापन आने लगता है। दिमागी संतुलन प्रभावित होने लगता है।

हस्तमैथुन के दोष में से निकलने के उपाय(Remedies to get rid of the problem of masturbation

*हस्तमैथुन को प्रेरित करती चीजों से दूर रहना:

सबसे पहले तो विषय को उत्तेजित करने वाले साधन जैसे कि खराब फिल्में, विषय फोटो और कुसंग से दूर रहना चाहिए जिससे इसमें से जल्द से जल्द बाहर निकल सके।

*हस्तमैथुन का विचार उठते ही तुरंत उखाड़ के फेंक दे:

हस्तमैथुन के विचार आए तो उसे तुरंत उखाड़कर फेंक देना चाहिए, ज़रा भी आकर्षण हुआ वहां विरोध दिखाना चाहिए और बहुत माफ़ी मांगना चाहिए । ऐसी भूल को एक बार के लिए अहंकार करके भी खत्म कर देना चाहिए की ऐसा करना ही नहीं है।

*कल्पना की लिंक को तोड़ डालो:

विषय विकारी कल्पना चालू हो जाए, तब अगर जो शुरुआत की स्टेज मे ही उसकी लिंक तोड़ दी जाए तो फिर कल्पना का थिएटर आगे नहीं बढ़ता।

*मन को डाइवर्ट करो:

जब हस्तमैथुन की इच्छा उत्पन्न हो तब मन को दूसरे काम में या कोई पसंद की प्रवृत्ति या वस्तु में डायवर्ट कर देना जिससे उसकी इच्छा को टाला जा सके।

*एकांत टालना:

हस्तमैथुन में से बाहर निकलने के लिए, जिस वक्त उसका विचार आए तब परिस्थिति बदल डालना या एकांत टालना अति आवश्यक है, इस तरह हस्तमैथुन करने के विचार रूक जाएँगे।

*दृढ़ निश्चय करो:

हस्तमैथुन में से निकलना हो तो पक्का याने के दृढ़ निश्चय होना ज़रूरी है। भले ही एक दो बार भूल हो जाए पर जो आपका निश्चय अटूट हो तो परिस्थितियां भी आपकी मदद करेगी। और धीरे-धीरे इसमें से बाहर निकल जाओगे।

*माफी मांगना दोषों की:

हस्तमैथुन के कारण हुई जीव हिंसा के लिए और जिस व्यक्ति के लिए कल्पना करके हस्तमैथुन किया हो उसके अंदर बैठे हुए भगवान के पास सच्चे दिल से माफ़ी माँगनी और फिर से ऐसे कभी भी ना हो ऐसा दृढ़ निश्चय करना चाहिए।

*मांगना शक्ति भगवान के पास:

हस्तमैथुन के दोष अगर होते रहते हो तो उसके सामने, सच्चे दिल से भगवान को याद करके उनके पास शक्तियां मांग सकते है के ‘हे भगवान! मैं निश्चय मज़बूत करता हूं, मुझे निश्चय मज़बूत करने की शक्ति दीजिए।’ परम पूज्य दादा भगवान ने इसके लिए एक प्रार्थना दी है कि जो हर दिन करने से इस भूल में से बाहर निकल सकते हैं।
“हे दादा भगवान (हमारे भीतर के भगवान)! मुझे किसी भी देहधारी जीवात्मा के प्रति स्त्री, पुरुष या नपुंसक, कोई भी लिंगधारी हो, तो उसके संबंध में किचिंत्मात्र भी विषय-विकार संबंधी दोष, इच्छाएँ, चेष्टाएँ या विचार संबंधी दोष न किये जायें, न करवाये जायें या कर्ता के प्रति अनुमोदना न की जाये, ऐसी परम शक्ति दिजीए। मुझे निरंतर निर्विकार रहने की परम शक्ति दिजीए।”

*आत्मसुख के सामने सब सुख लगे फिके:

विषय के सुख की भ्रामक मान्यता सामाजिक प्रभाव से मज़बूत होती है। अगर आत्मज्ञान मिल जाए तो फिर इन विषय सुखो की ज़रूरत ही नहीं रहती। जैसे जलेबी खाने के बाद चाय फीकी लगती है उसी तरह ज्ञानिओने, तीर्थंकरोंने इस जगत को जो आत्म सुख चखाया है उसके सामने विषय सुख बेस्वाद ही लगते है । इसलिए एक बार जो आत्मा के सुख का अनुभव हो जाए तो फिर इस विषय के सुख की इच्छा रहेगी ही नहीं।
आत्मा के सुख का अनुभव कौन करा सकता है? जिसे आत्मा के अनंत सुख का अनुभव हुआ हो ऐसे आत्मज्ञानी ही आत्मा का ज्ञान दे सकते हैं। इस काल में आत्मज्ञानी पूज्य श्री दीपक भाई से ऐसा आत्मज्ञान प्राप्त हो सके ऐसा है। हम भी उनकी तरह आत्मा के सुख का अनुभव कर सके ऐसा है। और ऐसा सुख प्राप्त हो जाए तो फिर इन विषयो के काल्पनिक सुखों के बंधन से आराम से बाहर निकला जा सकता है।

(Masturbation)कितनी बार करना चाहिए?

हस्तमैथुन एक प्रकार की भूख है और भूख को शांत करने की सबकी अलग-अलग क्षमता होती है। अगर भोजन का उदाहरण लिया जाए, तो कई लोग भूख लगने पर केवल 2 रोटी खाकर भी संतुष्ट हो जाते हैं और कई लोग 5 रोटी खाकर भी संतुष्ट नहीं होते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि अपना-अपना शरीर और क्षमता है, इसलिए हस्तमैथुन कितनी बार करना चाहिए, इस प्रश्न का सटीक जवाब दे पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

लेकिन फिर भी कोई हस्तमैथुन करना चाहे तो माह में केवल एक बार या फिर 2 बार से अधिक हस्तमैथुन न करे । अधिक मास्टरेबशन पर कंट्रोल करने की कोशिश करें। हो सके तो इस आदत को छोड़ ही दें।

निष्कर्ष(conclusion)

हस्तमैथुन अपनी सेहत को सुधारने और अपनी देखभाल स्वयं करना सीखने का स्वस्थ, प्राकृतिक, और सुरक्षित तरीका है। शरीर और दिमाग को हस्तमैथुन से ढेरों फायदे मिलते हैं। लेकिन दूसरी तरफ इसके कई नुक्सान भी है जो हम आप को आर्टिकल के दुबरा बता चुके है।
हस्तमैथुन कोई बुरी चीज नहीं है। लेकिन इसकी आदत पड़ जाना ठीक नहीं है,इसलिए सिर्फ इसे जादा नहीं करना चाइये,और इसकी आदत पड़ने से बचना चाइये,
अगर आपको खुद के बारे में किसी भी किस्म की नकारात्मक भावनाओं का आभास होता है तो आप मेंटल हेल्थ थेरेपिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। धन्यवाद