अयोध्या को श्री राम का जन्म स्थल बताया जाता है जो सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है. जब से अयोध्या में राम मंदिर का कार्य शुरू हुआ है तब से ही यहां पर पर्यटन काफी बढ़ गया है. आए दिन यहां टूरिस्ट की भीड़ उमड़ रही है. पर्यटन के साथ-साथ यहां रोजगार के भी साधन बढ़ गए हैं.अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो अयोध्या जाने की योजना बना रहे हैं। आप देश के किसी कोने से अयोध्या पहुंच रहे होंगे। ऐसे में इतनी दूर आने के बाद सिर्फ एक जगह घूमना सही नहीं, राम मंदिर के अलावा और घूमने के लिए कहाँ- कहाँ जाएं।अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah),तो आपको बता दें अयोध्या में केवल राम मंदिर ही नहीं बल्कि और भी खूबसूरत जगहें हैं जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए.
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राम मन्दिर व अयोध्या के आस-पास के दर्शनीय स्थल?
अयोध्या के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण उत्तर प्रदेश पर्यटन ने इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना प्रारंभ कर दिया है। भगवान् श्री राम की नगरी अयोध्या में 5000 से भी ज्यादा मन्दिर हैं। और इन सभी मंदिरों में तथा अयोध्या के सभी दर्शनीय स्थल व मंदिरों के मध्य ज्यादा दूरी नहीं है। आप पैदल या रिक्शे से या बैट्री रिक्शे से भीअयोध्या के प्रमुख स्थानों का भ्रमण कर सकते हैं
अयोध्या में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Ayodhya Tourist Places in Hindi)
श्री राम जन्म भूमि मन्दिर
अयोध्या श्री राम की जन्म भूमि है और यह हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र, एक पवित्र तथा धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मन्दिर का निर्माण बारहवीं शताब्दी में हुआ था. परंतु इसके बावजूद इसमें कई बार बदलाव हुआ. 1528 में मुग़ल सम्राट बाबर के द्वारा इस स्थान पर मस्जिद बनाई गयी थी। जिसके बाद हिंदुओं ने इसे अपने धार्मिक स्थल के रूप में खो दिया था। लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान राम की जन्म भूमि पर अयोध्या राम मन्दिर बनाने की मंजूरी मिली, और इसका भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था. इसके बाद ही मन्दिर का निर्माण शुरू हो गया। इसके निर्माण का काम विश्व के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। मन्दिर के भवन का डिजाइन स्थानीय संस्कृति के हिसाब से बनाया जा रहा है। राम मन्दिर 2024 तक बनकर तैयार हो जायेगा।
हनुमान गढ़ी
भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी का मन्दिर हनुमान गढ़ी अयोध्या में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. हनुमान गढ़ी मन्दिर हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान गढ़ी मन्दिर हनुमान जी के भक्ति, श्रद्धा, इतिहास, कथाएँ, और कृतियों से संबंधित है. यह मन्दिर अयोध्या में स्थित होने के कारण राम भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल है। इस मन्दिर में हनुमान जी की भव्य मूर्ति स्थापित है। इसके साथ ही हनुमान गढ़ी अयोध्या में विशेष धार्मिक अवसरों एवं पर्वों पर भक्तों का भव्य स्वागत किया जाता है यहां पर भक्तों को अध्यात्मिक सुकून मिलता है। यहां आकर उन्हें अपने आस-पास की शांति और सुंदरता का आनंद उठाने का मौका मिलता है. अयोध्या हनुमान गढ़ी में चढ़ने वाला प्रसाद और यहां की प्रसिद्ध मिठाई बेसन के लड्डू यहां आने वाले दर्शकों एवं पर्यटकों को खूब भाती है और यह बेहद स्वादिष्ट भी होती है।
कनक भवन
कनक भवन मन्दिर अयोध्या के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है। यही कारण है कि कनक भवन मन्दिर में हमेशा भक्ति और श्रद्धा से भक्तों की भारी भीड़ रहती है। यह मन्दिर भगवान राम एवं माता सीता के प्रेम के रूप में प्रतिष्ठित है। ऐसी मान्यता है कि कनक भवन को माता कैकेयी ने सीता जी को मुँह दिखाई की रस्म में उपहार स्वरूप दिया था। यह भवन भगवान राम और माता सीता का निवास स्थान था। यह भवन अयोध्या का सबसे भव्य और सुंदर महल है। यह मन्दिर बारहवीं शताब्दी में बनाया गया था। मन्दिर के नाम का ” कनक ” शब्द भगवान राम की विशेषता को दर्शता है, क्योंकि इस मन्दिर की मूर्तियाँ स्वर्णिम चित्रकारी से सजायी गयी हैं। कनक भवन मन्दिर के प्रांगण का इस्तेमाल भगतों द्वारा कई शुभ काम करने जैसे कि सगाई , मुंडन, आदि, के लिए भी किया जाता हैं। अगर आप अयोध्या घूमने आ रहें हैं, तो कनक भवन मन्दिर दर्शन करने एवं वहाँ की सुंदरता देखने जरूर जाएं।
सरयू घाट
अयोध्या दर्शन की शुरुआत सरयू नदी के किनारे स्नान करने से शुरू होती है। सरयू तट पर कई घाट बने हुए हैं, जैसे- नया घाट, राम घाट,लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट, आदि, बने हुए हैं। आप किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं. माना जाता है सरयू में स्नान करने पर जाने- अनजाने में किये गए सारे पाप धुल जाते हैं। सरयू तथा सभी घाटों पर नाव वाले अपनी नाव को सजाकर नौका विहार के लिए तैयार रखते हैं। जिसमें बैठकर आप सरयू नदी के सभी घाटों का सौंदर्य देख सकते हैं। और यहां सायंकाल में होने वाली आरती में भी सम्मलित हो सकते हैं। यहां सायंकाल में होने वाली आरती का दृश्य बेहद सुंदर तथा मनमोहक होता है। सायंकाल की आरती में सम्मलित होकर बहुत ही सुकून और शांति की अनुभूति होती है.
सीता की रसोई
अयोध्या में राम जन्मभूमि की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित सीता की रसोई के बारे में दावा किया जाता है कि यह एक ऐतिहासिक रसोई है जिसका उपयोग देवी सीता द्वारा किया जाता था। यह पवित्र स्थान अब एक मंदिर है जिसमें कुछ प्रदर्शन पात्र हैं। इसे राम जन्मभूमि के नजदीक ही बनाया गया है. यह सीता की रसोई एक भूमिगत रसोई है, और यह सीता के नाम पर सम्मानित दो रसोई में से एक है। सीता को भोजन की देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें देवी अन्नपूर्णा के नाम से भी जाना जाता है। परिणामस्वरूप, मंदिर निःशुल्क भोजन प्रदान करके इस परंपरा को कायम रखता है। इसके अतिरिक्त, मेहमान इस स्थान के माध्यम से स्थानीय चैरिटी में अपनी इच्छानुसार कितनी भी धनराशि का योगदान कर सकते हैं।
राम की पैड़ी
अयोध्या में राम की पैड़ी सरयू घाट पर स्थित है। राम की पैड़ी के बारे में एक कथा प्रचलित है। माना जाता है एक बार लक्ष्मण जी ने सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए जाने का निश्चय किया । तब श्री राम जी ने यहां इस पैड़ी की स्थापना की और कहा कि सायंकाल के समय सभी तीर्थ यहां पर स्नान के लिए उपस्थित होंगे। ऐसे में जो भी व्यक्ति इस समय आवधि में यहां स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थों में स्नान करने जितना ही पुण्य फल की प्राप्ति होगी। यहां से भगवान श्री राम के गुप्तार घाट में गुप्त हो जाने के बाद यहां का जल सूख गया था। आप जब भी अयोध्या घूमने या दर्शन करने आयें तो, इस पुण्य स्थल पर स्नान अवश्य करें। राम की पैड़ी पर हर साल दिवाली पर विश्व का सबसे बड़ा दीपोत्सव मनाया जाता है। जिसे देखने और उस दीपोत्सव में समलित होने के लिए लोग दूर- दूर तथा देश विदेश से लोग अयोध्या आते हैं। तो इस बार आप भी अयोध्या आयें और इस दिवाली इस दीपोत्सव में समलित हो.
गुप्तार घाट
अयोध्या में सभी घाटों की तरह ही गुप्तार घाट भी अपनी जगह पर धार्मिक और पर्यटन दोनों नजरिये से महत्वपूर्ण है। यह वही स्थान है जहां पर भगवान श्री राम जल समाधि लेकर गुप्त हो गए थे। यहां पर सरयू नदी का जल आज भी बेहद शांत बहता है। वैसे तो अयोध्या में कई दर्शनीय स्थल हैं लेकिन गुप्तार घाट की अपनी अलग ही विशेषता है। सरयू नदी के किनारे स्थित गुप्तार घाट पर कई छोटे- छोटे मंदिरों के साथ यहां का सुंदर दृश्य मन मोह लेने वाला है। गुप्तार घाट के पास ही मिलिट्री मन्दिर, कंपनी गार्डेन, राजकीय उद्यान और कई प्राचीन मन्दिर पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र है। नौका विहार और लंबे रेतीले मैदानों के इर्द- गिर्द हरियाली व शांत वातावरण और सूर्यास्त की निराली छटा लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है। माना जाता है लोग यहां पर मुक्ति पाने की इच्छा को लेकर आते हैं। गुप्तार घाट पर ही राम जानकी मन्दिर,चरण पादुका मंदिर, नरसिंग मन्दिर आदि स्थित है।
दशरथ महल
भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ का महल हनुमान गढ़ी से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस महल में राजा दशरथ निवास करते थे। चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन इन सभी का बचपन बीता है इसी महल में। आपको सामने पुरानी डिजाइन में बना हुआ सुंदर और भव्य द्वार मिलेगा, अंदर जाने पर एक बड़ा सा आँगन मिलेगा। भगवान राम अपने भाइयों सहित इसी आँगन में खेल के बड़े हुए थे। आपको इस मन्दिर में राजा दशरथ, श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता सीता सबकी मूर्ति स्थापित है। आप इन सभी के मनमोहक मूर्तियों के दर्शन कर सकते हैं, यह महल दर्शन के लिए सुबह, 8 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है , और शाम 4 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है। आप इन समय के बीच में जाकर दर्शन कर सकते हैं।
गुलाब बाड़ी
गुलाब बाड़ी वैदेही नगर में स्थित है। यह फैजाबाद (अवध) जिसका अब नाम अयोध्या कैंट है के तीसरे नवाब , नवाब शुजा उद् दौला और उनके माता पिता का मकबरा स्थित है।इस जगह को गुलाब के बगीचे के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर खूब सारे गुलाब लगाएं गयें हैं जो अपनी सुंदरता से लोगों को अपनी तरफ़ आकर्षित करते हैं। लोग दूर- दूर से यहां घूमने और इसे देखने आते हैं। आप भी अयोध्या घूमने आयें तो राम मन्दिर के साथ- साथ यहां भी घूमे।
बहू बेगम का मकबरा
बहू बेगम का मकबरा पूर्व ताजमहल के नाम से भी जाना जाता है. यह फैजाबाद के सबसे ऊंचे स्मारक में गिना जाता है. यह मकबरा अवध के प्रसिद्ध वास्तुकला का अनोखा प्रदर्शन है. इसका निर्माण 1816 में करवाया गया था, उस वक्त इस मंदिर की कुल लागत 3 लाख रुपए आई थी. इस मकबरे के ऊपर से पूरे शहर का बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है.
देवकाली मन्दिर अयोध्या
देवकाली मन्दिर का विवरण महाकाव्य के विविध प्रसंगो में पाया जाता है। माना जाता है माता सीता ने यहां पर अपनी शादी के बाद ससुराल आकर यहां पूजा की थी। माना जाता है यह स्थान देवकाली जिन्हें भगवान् श्री राम की कुलदेवी होने का गौरव प्राप्त है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर आकर अपनी जो भी मनोकामना हो उसे पूरी करने के लिये प्रार्थना करते हैं, उनकी हर इच्छा पूरी होती है। तो आप जब भी अयोध्या घूमने आयें तो देवकाली विजिट जरुर करें। एक बात और आपके जानने योग्य यहां भगवान् श्री राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली मन्दिर में एक ही शिला में तीन देवियां विराजित हैं. महाकाली, महासरस्वति, महालक्ष्मी. माना जाता है देश भर में कुल दो ही ऐसे मन्दिर हैं जहां पर एक ही शिला में तीन देवियां विराजती हैं, पहला माता वैष्णों देवी और दूसरा अयोध्या की मां बड़ी देवकाली.
मणि पर्वत अयोध्या
भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के कासी गंज में स्थित मणि पर्वत 65 फिट ऊँचा है। अयोध्या के इस मणि पर्वत पर ऊपर पहुँचने के लिये आपको 101 सीढियाँ चढ़कर मन्दिर तक पहुँचना होगा।वहां मन्दिर पर पहुँचकर आप ऊपर से पूरे शहर का सुंदर नजारा देख सकते हैं।अयोध्या में स्थित इस मणि पर्वत के बारे में बताया जाता है कि भगवान राम के छोटे भाई लक्षमण को जब मेघनाद ने युद्ध के दौरान घायल कर दिया था। तो संजीवनी बूटी लाने के लिये श्री राम ने हनुमान जी को भेजा था। जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर अयोध्या के उपर से गुजर रहे थे तब भरत जी ने हनुमान जी को शत्रु समझकर वार किया था । तब हनुमान जी यहां पर गिर पड़े थे । बाद में जब भरत जी को पता चला तब वे बहुत पछताए और उन्होंने हनुमान जी से क्षमा माँगी। फिर पुनः हनुमान जी उठे और उस पहाड़ को पुनः उठाकर जाने लगे तब बताया जाता है कि पहाड़ का छोटा सा हिस्सा टूटकर यहां गिर गया था । तभी से यह पर्वत यहां विराजामन है। अयोध्या घूमने या दर्शन करने जो भी लोग यहां आते हैं वे इस मणि पर्वत को जरूर देखते हैं। तो आप भी जब राम लला के दर्शन के लिये यहां आयें तो इस मणि पर्वत को अवश्य देखें तथा यहां की आस- पास की सुंदरता से रूबरू हों।
काले राम मन्दिरमन्दिर अयोध्या
अयोध्या में नागेश्वर नाथ मन्दिर के बगल में स्थित है काले राम का मन्दिर बहुत ही प्रसिद्ध है, इसे अयोध्या का स्वर्ग द्वार भी कहा जाता है।माना जाता है कि इसी सुंदर जगह में भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था । हिमाचल प्रदेश के एक राजा ने लगभग तीन शताब्दी पूर्व इस मंदिर का निर्माण करवाया था ।बाद में इंदौर (मध्य प्रदेश) की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका जीर्णोद्वार करवाया ।यहाँ स्थापित मूर्तियां काले पत्थर से निर्मित हैं ।ऐसा माना जाता है कि ये मूर्तियां राजा विक्रमादित्य के युग की हैं।
अयोध्या के स्वर्गद्वार इलाके में स्थित में कालेराम मंदिर में स्थापित उन्हीं विग्रहों में से एक है। इस इस मंदिर का इतिहास 220 साल पुराना है। कालेराम मंदिर के इतिहास के अनुसार, श्रीरामजन्म भूमि में आक्रांताओं के आक्रमण के समय तत्कालीन पुजारी श्यामानंद ने भगवान के विग्रह को अपमान से बचाने के लिए सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया था। यह विग्रह 1748 के आसपास महाराष्ट्रीयन संत नरसिंह राव मोघे को मिली। कथित रूप से ये दावा किया किया गया मूर्ति के मिलने पहले मोघे को तीन-तीन बार स्वप्न में सरयू में मूर्ति होने की जानकारी हुई। मान्यता के अनुसार स्वप्न में ही मिले आदेश के बाद जब वे सरयू नदी के पास पहुंचे तो उन्हें मूर्ति मिली। और वे उस मूर्ति को नदी से निकालकर वहाँ विराजित कर दिया। माना जाता है जो भी भक्त सच्चे मन से इस मन्दिर में अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिये प्रार्थना करते हैं। उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है।
गोरे राम मन्दिर अयोध्या
गोरे राम मंदिर में भी भगवान राम विराजमान हैं. माना जाता है सैकड़ों वर्ष पहले ग्वालियर के राजा गिटार साहिब और उनके माता के द्वारा गोरे राम मंदिर की स्थापना की गई। अयोध्या में लगभग 7000 मठ मंदिर हैं. जहां पर अनेक भक्तों के द्वारा मंदिर की स्थापना की गई है. उसी प्रकार से गोरे राम मंदिर की भी स्थापना हुई है. जिसका नामकरण भक्तों के द्वारा अपने भावनाओं के अनुरूप किया गया है। इसलिए सारे भक्त कहते हैं, मेरे राम बहुत सुंदर हैं भक्त अपने आराध्य को अलग-अलग स्वरूप और अलग-अलग नामों से पुकारते हैं. लेकिन उनका मकसद भगवान को प्राप्त करना ही होता है. वही गोरे राम मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर की स्थापना के दौरान ग्वालियर के राजा के मुख से शब्द निकला मेरे राम बहुत सुंदर हैं. बहुत गोरे हैं तो इस वजह से मंदिर का नाम गोरे राम पड़ा। और यह मन्दिर भी नागेश्वर नाथ मन्दिर के बगल में ही स्थित है, मान्यता है कि भक्त के द्वारा माँगी गयी मनोकामना भगवान बहुत जल्द ही पूरी करते हैं।
सुग्रीव किला अयोध्या
भगवान राम की नगरी अयोध्या में स्थित त्रेतायुग का सुग्रीव किला बिड़ला धर्मशाला के बगल तथा हनुमान गढ़ी परिसर में ही स्थित है सुग्रीव किला। तथा इसी किले अंदर गरुङ स्तंभ भी स्थित है साथ ही सुग्रीव किले के अंदर ही स्थित है राम दरबार तो आप अयोध्या घूमने आयें तो सुग्रीव किला अवश्य घूमें। माना जाता जब भगवान श्री राम अपने चौदह वर्षों के वनवास के उपरान्त जब राजा राम वापस अयोध्या लौटे तो भरत महाराज ने इस स्थान पर मौजूद मणियों से एक किला भगवान श्री राम के स्वागत के लिए बनवाया था ।जब 14 वर्ष बाद श्री राम अयोध्या को लौटे तो सुग्रीव महाराज भी उनके साथ थे । भगवान श्री राम ने अयोध्या पहुँचते ही इन चमचमाते महलों को देख कर भरत से पूछा कि यह महल पहले तो नहीं था तो भरत ने बताया की भ्राता श्री यह आप के स्वागत में बनाये गये हैं ,इसके बाद भगवान राम ने कहा कि लंका पर विजय प्राप्त करने में मेरे अलावा महाराजा सुग्रीव का भी योगदान था जिसके बाद भगवान श्री राम ने यह किला महाराजा सुग्रीव को दे दिया . तब से यह स्थान सुग्रीव किला के नाम से प्रसिद्ध है । माना जाता है यहां पर दर्शन से लोगों से शत्रुता समाप्त होती है।तो इसलिए लोग जब भी अयोध्या घूमने या दर्शन करने आते हैं तो सुग्रीव किला अवश्य घूमते हैं।
शेषावतार मन्दिर अयोध्या
अयोध्या में सरयू तट पर स्थित लक्ष्मण घाट पर शेषावतार मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर का भी अपना अलग ही महत्व है। इस मन्दिर में हमेशा श्रधालुओं की भीड़ रहती है। जो भी भक्त अयोध्या घूमने या दर्शन करने आते हैं वे लक्ष्मण घाट के इस शेषावतार मन्दिर में दर्शन अवश्य करते हैं। इसलिए अब जब भी आप अयोध्या आयें तो सरयू स्नान के बाद शेषावतार मन्दिर में भगवान राम, लक्ष्मण, और नाग देवता के दर्शन अवश्य करें।
त्रेता के ठाकुर
त्रेता के ठाकुर मंदिर में भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, भरत, सुग्रीव समेत कई मूर्तियां शामिल हैं. यह मंदिर अयोध्या के नया घाट के पास स्थित है. ऐसा माना जाता है कि इन मूर्तियों को काले बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इस मंदिर कानिर्माण 300 साल पहले राजा कुल्लू द्वारा करवाया गया था. अहिल्याबाई होल्कर जो 1700 के दशक में मराठा की रानी थी उन्होंने इस मंदिर की मरम्मत करवाकर नया रूप दिया था.
छोटी छावनी, अयोध्या
छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन या पिर मणिराम दास छावनी के नाम से भी जाना जाता है. यह अयोध्या की शानदार संरचनाओं में से एक है. अयोध्या आएं तो इस जगह को एक बार जरूर घूम आएं, यहां आपको पुरानी गुफाएं देखने को मिल जाएगी. छोटी छावनी में कुल 34 गुफाएं हैं, 12 बौद्ध हैं, केंद्र में 17 हिंदू मंदिर है और उत्तर में 5 जैन मंदिर है.
गुप्तार घाट
यह घाट सरयू नदी के तट पर बसा है जिसे घग्गर घाट के नाम से भी जाना जाता है. फैजाबाद के पास मौजूद यह एक प्रसिद्ध स्थल है. पहले गुप्तार घाट की सीढ़ियों के पास कंपनी गार्डन हुआ करता था जिसे अब गुप्त घाट वन के नाम से जाना जाता है. इसी स्थान भगवान राम ने ध्यान किया था और उसके बाद जल समाधि ली थी, जिसके बाद श्री राम ने बैकुंठ प्राप्त किया.
तुलसी स्मारक भवन
अयोध्या में तुलसी स्मारक भवन हनुमान गढ़ी के पास स्थित है। यदि आप राम लीला देखने के शौकीन हैं तो आप हनुमान गढ़ी के पास स्थित तुलसी स्मारक भवन जरूर जाएं। यहां पर प्रतिदिन भक्ति संगीत, प्रार्थना तथा धार्मिक प्रवचन का आयोजन किया जाता है और प्रतिदिन शाम के 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक राम लीला का आयोजन किया जाता है। तथा यहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी की साहित्तिक रचनाओं का संग्रह भी है। आप उसे भी देख सकते हैं.
श्री नागेश्वर नाथ मन्दिर अयोध्या
सरयू घाट के पास राम की पैड़ी में ही नागेश्वर नाथ मन्दिर स्थित है। इसका निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था। माना जाता है एक बार सरयू नदी में स्नान के दौरान कुश का बाजू बंद निकलकर बहता हुआ एक नाग कन्या के पास पहुँच गया। जब उस नाग कन्या ने कुश को देखा तो उसको कुश से प्रेम हो गया। वह नाग कन्या भगवान शिव की उपासक थी, तथा कुश ने उसी के लिए यह मन्दिर बनवाया। बाद में नागेश्वर नाथ मन्दिर खंडहर हो गया, तथा उसके बाद महाराजा विकरमादित्य ने इसका जीर्णोंद्वार करवाया. आप अयोध्या दर्शन करने आयें तो नागेश्वर नाथ मन्दिर के दर्शन अवश्य करें।
अयोध्या कैसे पहुचें?
15+ अयोध्या में घूमने की जगह, कहा रुके क्या खाए ,कैसे पहुंचे?
जो लोग अयोध्या से दूर रहते हैं या जो अयोध्या घूमने या दर्शन करने आना चाहते हैं उनके लिए कई साधन उपलब्ध हैं। तो आईये जानते हैं कि अयोध्या पहुँचने के लिए आप किन- किन साधनों का उपयोग कर सकते हैं। अआप अयोध्या वायु मार्ग के द्वारा, सड़क मार्ग के द्वारा और ट्रेन के द्वारा आ सकते हैं।
वायु मार्ग के द्वारा अयोध्या कैसे पहुचें?
अगर आप वायु मार्ग से अयोध्या घूमने आने वाले हैं तो अयोध्या पहुँचने के लिए सबसे पहले आप को लखनऊ चौधरी चरण सिंह एयर पोर्ट आना होगा। चूंकि अभी अयोध्या एयरपोर्ट निर्माणधीन है, इस कारण लखनऊ का चौधरी चरणसिंह एयरपोर्ट ही सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। जिसकी दूरी अयोध्या से महज 130 किलो मीटर है।जब आप लखनऊ एयरपोर्ट उतरेंगे तो आप वहाँ से अयोध्या पहुँचने के लिए प्राइवेट कैब, बस, व ट्रेन तीनों माध्यम से अयोध्या पहुँच सकते हैं।लखनऊ से अयोध्या के ट्रेन का किराया महज 80 रुपये है। अयोध्या हवाईअड्डा दिसंबर 2023 तक चालू होने की उम्मीद है।
ट्रेन के द्वारा अयोध्या कैसे पहुँचे?
अयोध्या पहुँचने के लिए रेलवे सबसे अच्छा साधन है। अयोध्या कैंट और अयोध्या रेलवे स्टेशन के लिए लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से ट्रेन चलती है। अगर आप अयोध्या या अयोध्या कैंट पहुँचने के लिए आपके शहर से कोई सीधी ट्रेन नही है तो आप मनकापुर से या लखनऊ रेलवे स्टेशन आ सकते है। मनकापुर से अयोध्या 35 किलो मीटर तथा लखनऊ से 130 किलो मीटर दूर है। यहां से आप बस, टैक्सी या कार से अयोध्या पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग से अयोध्या कैसे पहुचें?
अयोध्या पहुँचने के लिए सरकारी और निजी बस सेवाओं का बड़ा नेटवर्क है, जो अयोध्या को देश के कई शहरों से जोड़कर रखता है। उत्तर प्रदेश और आस पास के राज्यों से अयोध्या के लिए एसी व नॉन एसी बसें चलती हैं आप उससे भी अयोध्या जा सकते हैं।
सड़क मार्ग से दूरी
Lucknow | 130 KM |
Varanasi | 200 KM |
Allahabad | 160 KM |
Gorakhpur | 140 KM |
Delhi | 636 KM |
15+ अयोध्या में घूमने की जगह, कहा रुके क्या खाए ,कैसे पहुंचे?
अयोध्या कैसे घूमे?
अयोध्या घूमने के लिए आप टैक्सी, रिक्शा या बस की सवारी ले सकते हैं। इन तीनों की सवारी से आप काफी आराम से घूम सकते हैं। यदि आप निजी रूप से वाहन की सवारी करना चाहते हैं तो आप किसी भी वाहन को किराए पर ले सकते हैं।अयोध्या में कई ऐसे एजेंट मिल जाएंगे, जो आप किराए पर वाहन दे सकते हैं। हालांकि उसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी जमा करने पड़ सकते हैं, इसलिए अपने साथ पहचान से संबंधित आवश्यक डॉक्यूमेंट जरूर रखें।
अयोध्या घूमने का खर्चा
अयोध्या घूमने का खर्च आपके वहां ठहरने के दिनों पर निर्भर करता है। हालांकि अयोध्या की यात्रा आप 2 दिन के अंदर भी आराम से कर सकते हैं। यदि आप अयोध्या यात्रा के लिए 2 दिन की योजना बनाते हैं तो आपको वहां पर होटल में ठहरने का न्यूनतम खर्चा लगभग ₹2000 लग सकता है।
वहीं अयोध्या के विभिन्न के पर्यटक स्थलों को घूमने के लिए और वहां के खानपान में कुल खर्चा 2 दिन का 1000 से 1500 रुपए तक लग सकता है। इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा है, जो आप पर निर्भर करता है कि आप कौन से मार्ग से अयोध्या जाना चाहते हैं।
यदि आप अयोध्या रेल मार्ग से जाते हैं तो आपको कम खर्चा लगेगा। लेकिन यदि आप हवाई मार्ग से जाते हैं तो आपको ज्यादा खर्चा लग सकता है।
अयोध्या किस मौसम में न जाएं?
अयोध्या भगवान राम का धाम है और भगवान् राम के दर्शन के लिए हर मौसम सुहाना होता है, परंतु बच्चे और परिवार को लेकर आप बारिश के मौसम में न आयें। मई और जून का महिना भी अयोध्या दर्शन के लिए सही नही है, क्योंकि यह दो महीने यहां पर भीषण गर्मी पड़ती है। बाकी सभी दिनों में आप अयोध्या दर्शन के लिए जरूर आयें।
अयोध्या में रूकने की व्यवस्था?
अयोध्या में भी कई प्राइवेट होटल व धर्मशालायें आपके रूकने के लिए उपलब्ध हैं। यहां परश्री जानकी महल ट्रस्ट बिड़ला धर्मशाला में रूकने के लिए उत्तम व्यवस्था है। यहां रूकने से आप अयोध्या की धर्म और संस्कृति से परिचित हो जायेंगे। यहां नॉन एसी कमरा तथा एसी कमरा दोनों मिल जायेंगे। यहां पर आप ऑनलाइन बेबसाइट से भी AC तथा NON AC कमरा आसानी से बुक कर सकते हैं।
अयोध्या में भोजन की उपलब्धता?
अयोध्या में कई AC तथा NON AC रेस्टोरेंट तथा भोजनालय आपको आसानी से मिल जायेंगे। जहां पर आप अपना मनपसंद भोजन कर सकते हैं। आपको श्री राम जन्मभूमि के पास अमावा राम मन्दिर के बाहर पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर के द्वारा राम की रसोई का संचालन किया जाता है , जहां भक्तों को निःशुल्क भोजन प्रसाद दिया जाता है। इसके अलावा कनक भवन ट्रस्ट द्वारा संचालित कनक रसोई में भी बिना प्याज लहसुन का भोजन प्रसाद और नाश्ता अत्यंत कम दामों में मिल जाता है। कुछ धर्मशालाओं में रूकने वाले यात्रियों को निःशुल्क चाय, नाश्ता और भोजन दिया जाता है। आप अयोध्या जब भी घूमने आयें तो यहां पर भोजन प्रसाद पा सकते हैं।
अयोध्या के फेमस स्ट्रीट फूड कौन- कौन से हैं?
अयोध्या के सबसे प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड ये रहे
- मटर टिक्की
- आलू टिक्की चाट
- समोसे मटर
- जलेबी, और रबड़ी
- दही भल्ले
- दाल कचौड़ी
- परांठे
- चौमीन
- मसाला चाय पानी पूरी
अयोध्या में स्ट्रीट फूड सस्ता और स्वादिष्ट है। यह शहर के संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने का एक शानदार तरीका है।
अगर आप अयोध्या घूमने आ रहे हैं तो आईये जानते हैं कि क्या- क्या सावधानिया रखें?
अगर आप अयोध्या घूमने आने का विचार बना रहें हैं ,तो सबसे पहले आपको कुछ सावधानी रखनी होंगी. जिससे आप उन आने वाली परेशानियों से बचे रहें।
आगे आईये हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देते हैं ।जिससे आप आसानी से अपने इस अयोध्या वाली ट्रिप में अयोध्या का बिना किसी डर के बेफिक्र होकर अयोध्या घूमें एवं यहां के सभी दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर सकें।
बंदरों से बचाव
अगर आप अयोध्या दर्शन करने या घूमने आने का प्लान बना रहें हैं तो आप बंदरों से बचाव के लिये ये दिये हुए कुछ टिप्स अवश्य अपनाएं, क्योंकि अयोध्या तथा वहां के आस- पास की जगहों पर बहुत ही ज्यादा बंदर होते हैं। जब भी आप अयोध्या आयें तो अपने साथ हमेशा कुछ कैरी बैग साथ रखें तथा सारे सामानों तथा खाने पीने के भी सामानों को भी बैग में छिपाकर ही रखें। आप जब हनुमान गढ़ी के गेट से जाने लगें तो अपने हाथों में लिये प्रसाद के डिब्बों को छुपा कर रखें नहीं तो यहां पर बंदर प्रसाद को हनुमान जी तक पहुँचने ही नहीं देते हैं , ये आपके हाथों से छीनकर ले जाते हैं, और इसमें आपको चोट भी लग सकती है। इसलिए बहुत ही ध्यान रखें आप जब भी अयोध्या घूमने आय तो बंदरों से बचाव के लिए.
ठंड से बचाव
अगर आप अयोध्या नवंबर से फरवरी के बीच घूमने या दर्शन करने आते हैं तो ठंड से बचाव के लिए विशेष सावधानियां बरतें, क्योंकि अयोध्या में नवंबर से लेकर फरवरी तक काफी ठंड पड़ती है।
- नवंबर- नवंबर शुरुआत में अयोध्या का टेम्प्रेचर दिन के समय 25° तथा वहीं रात के समय 18° के करीब रहता है ।
- दिसंबर- दिसंबर में दिन के समय 12° टेम्प्रेचर रहता है वहीं रात के समय 8° के करीब रहता है।
- जनवरी- जनवरी के समय अयोध्या का टेम्प्रेचर दिन में 10° तथा वहीं रात के समय 5° से 7° के बीच रहता है।
- फरवरी- फरवरी में अयोध्या में मौसम थोड़ा ठीक रहता है और हल्की धूप भी होती है। लेकिन फिर भी ठंड रहती है।
तो अगर आप नवंबर से फरवरी के बीच में अयोध्या घूमने तथा दर्शन करने आना चाहते हैं तो ठंड के कपड़े जैसे- शाॅल, स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफलर ,वुलन् मोजे तथा दस्ताने ये सभी जरूर रखकर लाएं। तथा ऐसे कपड़े पहनकर आयें जिसमें आपको ठंड भी न लगे। अगर आप इन ठंड के महीनों में अपने बच्चों के साथ अयोध्या आने की सोच रहें हैं तो बच्चों के भी सारे ठंड के कपड़े रखें तथा उनका विशेष तौर पर ध्यान रखें , क्योंकि बच्चों को सबसे जल्दी ठंड लगती है।
वैसे ठंड में अयोध्या तथा आस- पास के सभी जगहों पर सरकार तथा वहां के स्थानीय लोगों के द्वारा सड़कों पर जगह- जगह पर आग की व्यवस्था की गयी रहती है, ताकि अयोध्या घूमने तथा राम लला के दर्शन करने आने वाले पर्यटकों को ठंड से परेशानी न हो, वे आराम से आग से अपने हाथ पैर सेककर दर्शन कर सकें।
15+ अयोध्या में घूमने की जगह, कहा रुके क्या खाए ,कैसे पहुंचे? ये लेख आपको केस लगा कमेन्ट कर जरूर बताए ओर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे धन्यवाद