डॉ. विवेक बिंद्रा शैक्षिक योग्यता, विकिपीडिया, विकी, नेट वर्थ, डिग्री, घोटाला, यूट्यूब, पत्नी – विवेक बिंद्रा, एक प्रसिद्ध यूट्यूबर, अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता, उद्यमी, नेतृत्व सलाहकार, कॉर्पोरेट ट्रेनर और दिल्ली के बिजनेस कोच हैं। भारत, प्रेरणा और व्यावसायिक नेतृत्व की दुनिया में एक प्रमुख व्यक्ति बन गया है।
विवेक बिंद्रा का जीवन परिचय | vivek bindra biography in hindi
नाम- | विवेक बिंद्रा |
जन्म- | 5 अप्रैल 1982 |
जन्म स्थान- | दिल्ली |
गृहनगर- | दिल्ली भारत |
उम्र- | 41साल |
प्रचलित होने का कारण | दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस यूट्यूब चैनल |
पेशा | Business Training और कोर्स देना |
हाइट- | 5 फीट 9 इंच |
वजन- | 64 KG |
कॉलेज- यूनिवर्सिटी- | अमिति यूनिवर्सिटी |
शैक्षिक योग्यता- | MBA |
हॉबी- | खेलना |
वैवाहिक स्थिति- | विवाहित |
पत्नी | Yanika Bindra (यानिका बिंद्रा ) |
जाति- | हिंदू |
राष्ट्रीयता- | भारतीय |
पिता का नाम | -कुलवंत राय बिंद्रा |
माता का नाम- | |
Netwarth- | 50 करोड़ |
कंपनी- | बड़ा बिजनस ( Bada Business) Pvt. Ltd. |
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विवेक बिंद्रा कौन है | who is vivek bindra
विवेक बिंद्रा (Vivek Bindra) internationally recognized Motivational Speaker,Leadership Consultant एक सक्सेसफुल बिजनेस कोच के साथ-साथ बड़ा बिजनेस कंपनी के को फाउंडर तथा सीईओ है। उनका यूट्यूब चैनल दुनिया का सबसे बड़ा entrepreneur यूट्यूब चैनल हैं। उन्होंने अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को बदला है।वह बड़े-बड़े सेमिनार अटेंड करते हैं, जहां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। विवेक बिंद्रा पावरफुल मोटिवेशनल स्पीच देते हैं, वह बिजनेस के गुण, बिजनेस प्रॉफिट और लॉस इन सब के बारे में बात करते हैं। विवेक बिंद्रा के फैन फॉलोइंग पूरी दुनिया में है।
विवेक बिंद्रा का जन्म और परिवार | vivek bindra family & date of birth
विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1982 को दिल्ली में हुआ था। एक सामान्य बच्चों की तरह उन्हें अपने मां बाप का प्यार नहीं मिला। 3 साल के उम्र में उसने पिता को खो दिया, कुछ समय बाद उनके माता ने दूसरी शादी कर लिया। उनका जीवन काफी चुनौतीपूर्ण और संघर्ष में बीता। वह अपने कई कई रिश्तेदारों के यहां बचपन गुजारा। उनका परिवार एक सिख परिवार से संबंध रखता है, जो पाकिस्तान से भारत आया था। उनके दादा का नाम गुरु चरण है, जो लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिसर थे तथा पिता का नाम कुलवंत राय बिंद्रा है।
विवेक बिंद्रा एजुकेशन | vivek bindra education
विवेक बिंद्रा अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में पूरा किया। इनके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं होते थे, जिसके कारण कई स्कूल बदलना पड़ा, अंत में सेंट जेवियर स्कूल से 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की। उन्हें गणित पसंद नहीं था, लेकिन बिजनेस के बारे में पढ़ना हमेशा अच्छा लगता था। 11वीं कक्षा में एक किताब “यू कैन विन” पढ़ा जिससे बहुत प्रभावित हुआ। उन्होंने आगे तथा किया की वह बिजनेस और एन्स्प्रेसन के क्षेत्र में काम करेगा। उन्होंने अमिति कॉलेज से MBA(एमबीए) किया तथा यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन बिजनेस कॉलेज में 1 साल के एमबीए करना चाह। जहा 15 लाख की जरूरत था लेकिन पैसे की कमी के कारण एमबीए नहीं कर सका।
विवेक बिंद्रा शुरुआती जीवन | vivek bindra early life
विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1982 को नई दिल्ली में हुआ था, कुछ ही कुछ बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई, कुछ समय बाद मां ने दूसरी शादी कर ली, जिससे उसे बचपन में मां बाप का प्यार नसीब नहीं हुआ। मां-बाप के चले जाने से उसके जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा, उनका जीवन काफी कष्टमय और चुनौतीपूर्ण हो गया। वह अलग-अलग रिश्तेदारों के यहां रह कर पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी बुरे वक्त और उतार-चढ़ाव देखें। लेकिन इस विषम परिस्थिति में भी विवेक सर ने ना सिर्फ अपने आप को संभाला बल्कि उसने सफलता के एसे झंडे गाड़े की उनका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा और मिसाल बन गया।
बड़ा बिजनेस की स्थापना | Bada Business
विवेक बिंद्रा इस समय देश के मोस्ट पॉपुलर बिजनेस कोच है, उनके पास बड़े-बड़े क्लाएंट की कोई कमी नहीं है। उसने बड़े-बड़े यूनियन के मुद्दे, कंपनी के इंप्लाइज के मुद्दे और बिजनेस से संबंधित ढेर सारे जटिल समस्या को सॉल्व किया। जिसके कारण मार्केट में विवेक बिंद्रा का डिमांड काफी बढ़ गया। यह अभी तक बड़े बड़े कॉरपोरेट, बड़े बड़े कंपनी को ही देखा करता था, इनसे इनकी अच्छी खासी कमाई भी होता था, लेकिन उनके पास छोटे दुकानदार के प्रश्न आते थे, कि हम D- मेगा मार्ट की तरह कैसे बने, हम गौतम अडानी कैसे बने, हमें कोई कर्ज नहीं दे रहा हम क्या करें, हमारा सेल नहीं हो पा रहा सेल कैसे बढ़ाएं, कस्टमर के समस्या को कैसे सॉल्व करें, स्टाप अच्छे नहीं मिल रहा, अच्छे स्टाफ कैसे लाएं, हमारे कंपनी के इंप्लाइज सीरियस होकर काम नहीं करते हैं,टीम भावना से कैसे काम करें । जब इस तरह के सवाल अक्सर उनके पास आने लगे तो एक दिन उसने सोचा कि बड़े-बड़े कॉरपोरेट कंपनी के लिए तो सभी खड़े हैं होते हैं लेकिन जो छोटे कंपनी व्यापारी वर्ग के लोग हैं उनके लिए कोई काम नहीं करता और ना ही कोई खड़ा होना चाहता है, बस इसी आइडिया ने बड़ा बिजनेस Bada Business Pvt. Ltd.को जन्म दिया।
बड़ा बिजनेस आज गांव तक फैल चुका है, जहां छोटे बिजनेस, कंपनी के ग्राहक इत्यादि के मामले को देखते हैं और एक लॉस मेकिंग कंपनी को भी प्रॉफिट मेकिंग कंपनी बदलने की स्ट्रेटजी बनाते हैं। सिक्योरिटी के हिसाब से प्रोग्राम बनाती है। इसकी सफलता का स्तर बहुत बड़ा हो चुका है।
विवेक बिंद्रा बिजनेस कोच कैसे बने | vivek bindra
विवेक बिंद्रा जब विवेक बिंद्रा बिंद्रावन में रहकर सन्यासी जीवन व्यतीत कर रहे थे, उनके गुरु जी उनके अंदर के छुपे प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने पाया कि विवेक बिंद्रा के पास बिजनेस को लेकर जबरदस्त स्टेटजी है, दूसरों को कन्वेंस तुरंत कर लेते हैं, साथ ही भागवत गीता का ज्ञान बहुत अच्छा है, बस यहीं से उन्होंने विवेक को सन्यासी जीवन से निकालकर motivational स्पीकर tatha कॉर्पोरेट्स में उतरने का टिप्स दिया। अपने गुरु के दिए हुए आज्ञा को मानकर जब विवेक बिंद्रा मैदान में उतरा तो बहुत ही जल्द वह सफलता के शिखर पर पहुंच गए। आज वह मोटिवेशनल स्पीकर, कॉरपोरेट ट्रेनर, बिजनेस कंसलटेंसी हैं।
जब विवेक बिंद्रा MBA कर रहे थे तो वह इसी दौरान ब्रह्मचारी बनने का बनने के लिए बिंद्रावन चले गए और वहां उन्होंने अन्य ब्रह्मचर्य की तरह सन्यासियों की तरह भिक्षा मांगना, सेवा करना, पढ़ाई करना इत्यादि का काम किया। बिंद्रा सर के अनुसार यह वक्त उनके जीवन का महत्वपूर्ण वक्त रहा, जिन्हें वह अपने जीवन के का असली एमबीए मानते हैं। बिंद्रावन में ही विवेक भागवत गीता पढ़े, ढेर सारे शास्त्र पढ़े, MBA एम बी ए फाइनल तक वृंदावन में ही रहे, जिससे उनके जीवन पूरी तरह से बदल गया।
कॉलेज खत्म होने के बाद विवेक की दोस्ती सन्यासी से होने लगा, जिसके कारण से ही वह इंटेलेक्चुअल की तरफ उनका झुका हुआ और दूसरे की बातों को सुनकर उनके अंदर का सन्यासी बनने का ख्याल आया जिसके कारण विवेक बिंद्रावन चले गए।
शानदार खिलाड़ी रहे
अपने बचपन में पढ़ाई के दौरान वह पढ़ाई के साथ-साथ एक बेहतरीन खिलाड़ी भी रहे हैं, वह स्टेट लेवल की एथलेटिक रहे। विवेक बिंद्रा दौर में 200, 400, 800 शानदार प्रदर्शन करते थे।
ग्लोबल अकैडमी कंपनी
ग्लोबल अकैडमी फॉर कंसलटिंग एंड ट्रेनिंग, यह कारपोरेट के लिए काम करता था। इसकी स्थापना 2012 में की गई थी, इसमें मारुति, ओएनजीसी, गेल, वेदांता, हौंडा, एनटीपीसी आदि के लिए काम किया। यूनियन और मैनेजर के आपस के झगड़े को सुलझाया। स्क्वाट्स और मारुति मैनेजर से विवेक सर को पहला पहचान मिली।
इसी तरह काम करते करते करीब डेढ़ हजार कारपोरt के क्लाइंट हो गए, लेकिन इनके पास सवाल छोटे छोटे व्यापारियों का आ रहा था, कि मैं बिग बाजार बाजार कैसे बनूँ। मुझे कोई लोन नहीं दे रहा मैं क्या करूं। सवाल छोटे दुकानदारों का था। राशन वाले कह रहे थे कि हम अपने बिजनेस को बड़ा कैसेकरूं, इस तरह के सवाल को लेकर बड़ा बिजनेस कंपनी का जन्म हुआ
विवेक बिंद्रा उपलब्धि
देश के जाने-माने कंपनी मारुति ने 2012 में विवेक बिंद्रा को बेस्ट कारपोरेट ईयर का अवार्ड दिया।
दुनिया के बेस्ट को चुनाव 2017
टाइम्स ऑफ इंडिया के द्वारा दिया गया मोस्ट इंस्पिरेशनल मोटिवेशनल स्पीकर का अवार्ड
आईआईटी रुड़की के द्वारा दिया गया एशिया का बेस्ट बिज़नेस कोच अवार्ड
विवेक बिंद्रा की करियर यात्रा बहुमुखी प्रतिभा और सफलता से चिह्नित है। 20 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, बिंद्रा ने विश्व स्तर पर 7,00,000 से अधिक पेशेवरों को शिक्षित किया है।
यूट्यूब चैनल पर 2 करोड़ से जादा फोल्लोवेर्स है जो व्यावसायिक फील्ड में दुनिया का नंबर एक चेंनल है
उनकी नवोन्मेषी प्रशिक्षण रणनीति ने कई व्यवसायों को प्रदर्शन बढ़ाने और लक्ष्य हासिल करने में मदद की है। एक कुशल सार्वजनिक वक्ता के रूप में, उन्होंने विभिन्न सम्मेलनों, सेमिनारों और कार्यशालाओं में मुख्य भाषण दिए हैं।
डॉ. विवेक बिंद्रा करियर:
श्रीमद्भागवत गीता के मूल्यों से प्रेरित होकर, विवेक बिंद्रा ने व्यवसाय की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया। एक नवीन व्यावसायिक अवधारणा की खोज करते समय, उन्हें धार्मिक ग्रंथों, विशेषकर भगवद गीता में ताकत मिली। यह नई ताकत उनके यूट्यूब चैनल पर उनकी प्रेरक बातचीत की आधारशिला बन गई। अंततः, उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय कॉर्पोरेट प्रशिक्षण और विकास फर्म, बड़ा बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की।